वजन नियंत्रित करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करते समय न करें ये गलतियां
आजकल कई लोग वजन नियंत्रित करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो कर रहे हैं क्योंकि यह खाने का एक पैटर्न है, जिसके तहत व्यक्ति अपनी सुविधानुसार एक निर्धारित समय का चुनाव कर फास्टिंग शुरू कर सकता है। इस तरह वजन को नियंत्रित करने में आसानी होती है। हालांकि, कई लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करते समय अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे उन्हें काफी नुकसान पहुंचता है। आइए आज ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में जानते हैं।
एकदम से इंटरमिटेंट फास्टिंग रखना
अगर आप सामान्य डाइट पर हैं और वजन नियंत्रित करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करने वाले हैं तो एकदम से इसे अपनाने की गलती न करें। उदाहरण के लिए कई लोग शुरूआत में ही महज 8 घंटे खाते हैं और उनका फास्टिंग पीरियड 16 घंटे का होता है, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि शुरूआत में आप 12 घंटे फास्टिंग और 12 घंटे खाएं, फिर आप एक-दो महीने में धीरे-धीरे खाने के समय को छोटा करें।
कम कैलोरी का सेवन करना
अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो कर रहे हैं तो भूल से भी कैलोरी का सेवन कम न करें। दरअसल, शरीर में एक संतुलित मात्रा में कैलोरी का होना बहुत जरूरी है और इसकी कमी से शरीर को थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, जरूरत से ज्यादा कैलोरी से शरीर में मोटापे जैसे कई तरह के नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। इसलिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सीमित मात्रा में कैलोरी लें।
पानी के सेवन पर ध्यान न देना
आप चाहें वजन नियंत्रित करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को फॉलो करें या फिर किसी डाइट को, इस दौरान पानी का सेवन एक अहम भूमिका अदा करता है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन न करने से आपकी इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रभाव कम हो सकता है, इसलिए पानी के सेवन पर ध्यान दें। पानी के पर्याप्त सेवन से शरीर के जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने के साथ-साथ इसे हाइड्रेट रखने में भी काफी मदद मिलती है।
माइक्रो न्यूट्रिएंट्स को नजरअंदाज करना
कई लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग फॉलो करते समय सिर्फ फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना बेहतर समझते हैं क्योंकि इससे बार-बार भूख नहीं लगती, लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी गलती है। उनके लिए अपनी डाइट में फाइबर के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों को शामिल करना भी जरूरी है क्योंकि अगर वे सिर्फ फाइबर लेते रहेंगे तो इससे शरीर में इसकी मात्रा अधिक हो जाएगी। इसे उन्हें आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।