माइग्रेन की समस्या से जुड़े इन भ्रमों को सच मानते हैं लोग, जानिए इनकी सच्चाई

माइग्रेन (Migraine) नाड़ी तंत्र की विकृति से उत्पन्न एक रोग है जिसमें सिर में बार-बार कुछ घंटों से लेकर तीन दिनों तक असहनीय दर्द होता है। इस रोग के बारे में कई भ्रम भी आम प्रचलन में हैं जिन्हें कई लोग सच मानते हैं। हालांकि ये भ्रम सच से कोसों दूर हैं। चलिए फिर आज माइग्रेन से जुड़े कुछ भ्रमों और उनकी सच्चाई के बारे में जानते हैं।
बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द है, लेकिन यह एक गलत धारणा है। वास्तव में माइग्रेन सिरदर्द से अलग है और इसकी अवधि, गंभीरता और लक्षण इसे सिरदर्द से अलग बनाते हैं। दरअसल, माइग्रेन में सिरदर्द होना सिर्फ एक लक्षण है और माइग्रेन के रोगियों को सिरदर्द के साथ-साथ एकाग्रता में कठिनाई, चक्कर आना और कमजोरी महसूस होना आदि समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
यह भी सिर्फ एक भ्रम है कि माइग्रेन महिलाओं और वयस्कों को ही होता है, जबकि ऐसा नहीं है। दरअसल, माइग्रेन किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, फिर चाहें वह दो-तीन साल का छोटा बच्चा ही क्यों न हो। माइग्रेन से पीड़ित बच्चों को सिरदर्द, पेट में दर्द, चिड़चिड़ापन और गंभीर चक्कर आना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए किसी विशेष आयु वर्ग और लिंग को इस बीमारी से जोड़ना गलत है।
यह भी सिर्फ एक भ्रम है कि कैफीन युक्त चीजों का सेवन माइग्रेन का कारण होता है, लेकिन यह बात सच से कोसों दूर है। दरअसल, सच बात तो यह है कि पर्याप्त मात्रा में कुछ कैफीन युक्त चीजों का सेवन माइग्रेन के सिरदर्द को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है। इसके विपरीत कुछ खाद्य पदार्थों में मिलने वाले राइबोफ्लेविन (विटामिन-बी 2) को-एंजाइम (Q-10) और मैग्नीशियम माइग्रेन का कारण बन सकते हैं।
कई लोग इस बात को भी सच मानते हैं कि माइग्रेन रोग लाइलाज (कोई इलाज नहीं) होता है, लेकिन यह एक भ्रम से ज्यादा और कुछ नहीं है। दरअसल, अगर माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति अपनी जीवनशैली में थोड़ा सुधार कर ले और समय रहते सही इलाज करा ले तो वह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। बेशक इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को उभरने में थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन माइग्रेन का इलाज संभव है।