प्री-डायबिटीज से जुड़े 5 प्रमुख शारीरिक संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज
यदि आपको खाना खाने के बाद भी और खाने की इच्छा होती है और आप हर समय थका हुआ महसूस करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। यह प्री-डायबिटीज के लक्षण हैं। यह तब होती है जब शरीर ग्लूकोज को पचाने में असमर्थ होता है। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए तो यह आगे चलकर टाइप-2 मधुमेह में विकसित हो सकता है। आइए आज हम आपको प्री-डाइटबिटीज से जुड़े पांच प्रमुख शारीरिक संकेतों के बारे में बताते हैं।
हर समय थकान महसूस होना
लगातार थकान महसूस करना प्री-डायबिटीज के प्रमुख चेतावनी संकेतों में से एक है। जब इंसुलिन प्रतिरोध के कारण ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं हो पाता है तो कोशिकाओं को काम करने के लिए आवश्यक ईंधन नहीं मिलता है। ऐसे में प्री-डायबिटीज वाले लोग थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं। इसके अतिरिक्त चक्कर आना, चीजों पर ध्यान केंद्रित न होना और याद रखने में कठिनाई होने जैसी दिक्कतें भी होती हैं।
आंखों की रोशनी कमजोर होना
खून में हाई शुगर आपकी आंखों और उनके आस-पास के ऊतकों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इससे उनमें सूजन आ जाती है और आंखों के लेंस भी प्रभावित होते हैं। आंखों के कमजोर होने को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है। यदि समय रहते इसके उपचार पर ध्यान न दिया जाए तो यह आगे चलकर अंधेपन का कारण बन सकता है।
लगातार पेशाब आना
यदि आप प्री-डायबिटिक हैं तो आपको बार-बार पेशाब आने की भी दिक्कत हो सकती है। इसका कारण है जब आपके शरीर की कोशिकाएं ग्लूकोज को ढंग से नहीं उपयोग कर पाती हैं तो किडनी इसे अवशोषित करने की कोशिश करती है। इससे आपकी किडनी में ब्लड शुगर बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए किडनी अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र के साथ बाहर निकाल देती है। ऐसे में लगातार पेशाब आने की संभावना बढ़ जाती है।
प्यास का बढ़ना
जब आप बार-बार पेशाब करते हैं तो शरीर का जल स्तर तेजी से कम होने लगता है और इसके परिणामस्वरूप हर समय प्यास लगती है। फिर आप अपनी प्यास बुझाने के लिए अधिक पानी पीते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आता है और यह चक्र ऐसे ही चलता रहता है। प्यास बुझाने के लिए कभी भी जूस, सोडा या अन्य मीठे पेय पदार्थ का सेवन न करें, क्योंकि इससे आपकी स्थिति और खराब हो सकती है।
भूख का बढ़ना
एक स्वस्थ व्यक्ति की कोशिकाओं में ग्लूकोज का प्रवाह आसानी से होता है और इससे उसे ऊर्जा मिलती है। इसके उलट प्री-डायबिटीज के मामले में कोशिकाओं में ग्लूकोज का प्रवाह नहीं होता है और ऊर्जा नहीं मिल पाती है। ऐसे में इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने हाल ही में कितना खाया। ऊर्जा न मिलने के कारण कोशिकाएं आपके मस्तिष्क को और अधिक भोजन की लालसा के लिए संकेत देती रहती हैं।