विश्व एड्स दिवस: जानिए इस बार की थीम, इसकी वजह, लक्षण और बचने के उपाय
हर साल आज के दिन यानी 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना है। यह दिन HIV के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े होने, HIV संक्रमितों के समर्थन और इस बीमारी से मरने वालों को याद करने का एक मौका है। विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था। यह पहला ऐसा अंतरराष्ट्रीय दिवस था जिसे वैश्विक स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर मनाया गया।
क्या है इस बार की थीम?
इस साल इस दिवस की थीम 'इक्विलाइज' है, जिसका मतलब है बराबरी। एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिन्ड्रोम (AIDS) एक ऐसी बीमारी है जो ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) की वजह से होती है। ये वायरस इम्युन सिस्टम को कमजोर कर देता है, जिसके कारण मरीज संक्रमण को रोक नहीं पाते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल में भारत में 17.8 लाख से ज्यादा लोग असुरक्षित शारीरिक संबंधों के कारण HIV से संक्रमित हुए हैं।
इन कारणों से फैलता है HIV संक्रमण
HIV का वायरस व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से चार वजहों से प्रवेश करता है। संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने से वायरस दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। संक्रमित व्यक्ति का खून असंक्रमित व्यक्ति को चढ़ाने से भी वायरस फैलता है। गर्भवती महिला से प्रसव या स्तनपान के दौरान उसके बच्चे में वायरस फैल सकता है। संक्रमित सुई के इस्तेमाल से भी वायरस एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश कर जाता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO) के अनुसार, भारत में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में इस बीमारी के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। 2021 तक भारत में 24 लाख से अधिक लोग इससे पीड़ित हैं।
HIV संक्रमण से ऐसे करें बचाव
HIV के संक्रमण से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। किसी के साथ शारीरिक संबंध बनाएं तो कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें। नशीली दवाओं के इस्तेमाल और दुरुपयोग से बचें। भूलकर भी इस्तेमाल की गई सुई से इंजेक्शन न लगवाएं। संक्रमित खून चढ़ाने से बचें। अगर गर्भवती महिला को HIV है तो समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहे, जिससे पैदा होने वाले बच्चे को इसके संक्रमण से बचाया जा सकता है।
HIV संक्रमण से जुड़ी कुछ अफवाहें
HIV के वायरस को लेकर लोगों में कई अफवाहें भी फैली हुई हैं, जिसके कारण वह उनसे भेदभाव करते हैं। कई लोग यह सोचते हैं कि HIV संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क जैसे हाथ मिलाने, संक्रमित व्यक्ति की चीजें इस्तेमाल करने, सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने, मच्छर या किसी कीड़े के काटने से संक्रमण फैलता है। हालांकि, सच्चाई यह है कि इनमें से किसी वजह से HIV नहीं फैलता, इसलिए संक्रमित व्यक्ति से भेदभाव न करें।
भेदभाव करने वालों के लिए ये है कानून
बहुत लोग HIV के मरीजों पर हंसते हैं और उनके साथ भेदभाव करते हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है और यह अपराध की श्रेणी में आता है। साल 2017 में HIV अधिनियम बना, लेकिन पारित नहीं हुआ। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को फटकार लगाते हुए इसे 10 सितंबर, 2018 को लागू किया। अब अगर कोई भेदभाव करता है तो उसे दो साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।