सीजनल फ्लू और कॉमन कोल्ड से कैसे अलग है कोरोना वायरस?
भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) अब तक 300 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि दुनियाभर में इनकी संख्या तीन लाख पार कर चुकी है। इसके बढ़ते प्रकोप के साथ-साथ लोगों में इसे लेकर डर भी बढ़ रहा है। कोरोना वायरस के कई लक्षण सीजनल फ्लू और कॉमल कोल्ड से मिलते-जुलते हैं। हालांकि, यह फ्लू और कोल्ड से ज्यादा घातक है। इन तीनों का इलाज और इलाज की प्रक्रिया काफी अलग है। आइये, इन तीनों में अंतर जानते हैं।
सबसे पहले जानिये कोरोना वायरस के बारे में
सबसे पहले कोरोना वायरस के बारे में जानते हैं। पिछले साल चीन के वुहान में सामने आए कोरोना वायरस के लक्षण बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द और थकान है। हालांकि, इससे संक्रमित कुछ लोगों में सिरदर्द, खांसी में खून आना और डायरिया जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। जिन लोगों में इसके लक्षण देखे जाते हैं उन्हें 14 दिन एकांत में रखा जाता है। इसके अभी तक सामने आए मामलों में पांच प्रतिशत गंभीर श्रेणी के मामले हैं।
कितनी दिनों में होती है रिकवरी?
अभी तक कोरोना वायरस का इलाज नहीं मिला है। केवल लक्षणों के आधार पर इसका इलाज होता है। सामान्य मामलों में संक्रमित व्यक्ति 14 दिनों में ठीक हो जाता है, वहीं गंभीर मामलों में उसका इलाज छह सप्ताह तक जारी रहता है।
सीजनल फ्लू क्या है?
सीजनल फ्लू एक आम बीमारी है। बदलते मौसम में कई लोग इसका शिकार होते हैं। बुखार, खांसी, मांसपेशियों का दर्द, थकान, गले में खराश और बहती नाक इसके लक्षण है। कुछ लोगों में डायरिया और उल्टी होने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं। इसके केवल एक प्रतिशत मामले गंभीर श्रेणी के होते हैं। सामान्य तौर पर एक हफ्ते में इसका इलाज हो जाता है। इसके इलाज के लिए वैक्सीन आसानी से मौजूद है।
ये हैं कॉमन कोल्ड के लक्षण
अगर आपकी नाक बह रही है, गले में खराश है और छींके आ रही हैं तो आप कॉमन कोल्ड से संक्रमित हो सकते हैं। कुछ लोगों को कॉमन कोल्ड में हल्का बुखार और थकान महसूस होती है। इसके बिगड़ने की संभावना कम होती है। इसका इलाज नहीं होता, लेकिन लक्षणों के आधार पर इसे ठीक किया जा सकता है। एक सप्ताह में इससे संक्रमित व्यक्ति ठीक हो सकता है। गंभीर मामलों में 10 दिनों में राहत मिल सकती है।
सावधानी बरतना है बहुत जरूरी
डर के चलते लोग अगर कोई छींक रहा है या किसी की नाक बह रही है तो उसे भी कोरोना के लक्षण मानकर उससे बचने लगते हैं। अगर आपको भी छींक आ रही है या नाक बह रही है तो जरूरी नहीं है कि ये कोरोना वायरस के लक्षण हैं। फिर भी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। इसकी वजह यह है कि ऊपर लिखी तीनों बीमारियां हवा के जरिए ड्रॉपलेट्स इधर-उधर होने और संक्रमित सतह को छूने से फैलती है।