रेलवे के इन 5 नियमों का जरूर रखें ध्यान नहीं तो झेलनी पड़ सकती है परेशानी
क्या है खबर?
169 साल पहले अपनी सेवाएं शुरू करने वाली भारतीय रेलवे को देश का सबसे किफायती परिवहन साधन माना जाता है। यह एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है।
खास बात यह है कि भारतीय रेल में रोजाना लगभग 23 मिलियन यानी 2.30 करोड़ लोग यात्रा करते हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर है।
अगर आप रेल में आरामदायक सफर करना चाहते हैं तो आपको भारतीय रेलवे के इन पांच नियमों के बारे में जरूर पता होना चाहिए।
#1
मिडिल बर्थ के यात्रियों के लिए ध्यान रखने योग्य बात
रेलवे द्वारा जिन यात्रियों को मिडिल बर्थ आरक्षित की जाती है, उसके इस्तेमाल के लिए रेलवे ने विशेष नियम बनाए हैं।
नियम के तहत मिडिल बर्थ का यात्री रात 9 से सुबह 6 बजे तक ही बर्थ पर सो सकता है, उसके बाद बर्थ को बंद करना होता है।
यदि कोई निर्धारित समय के बाद मिडिल बर्थ पर सोने की जिद करता है तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। यह नियम अन्य यात्रियों की सहूलियत के लिए है।
#2
बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन के छूटने को लेकर क्या है नियम?
अगर कोई यात्री बोर्डिंग स्टेशन से ट्रेन पकड़ने से चूक जाता है तो भी उसके पास आरक्षित सीट पाने का मौका होता है।
यात्रा टिकट परीक्षक (TTE ) को कम से कम एक घंटे या ट्रेन के अगले दो स्टेशन के ठहराव (जो भी पहले हो) से गुजरने तक यात्री की सीट दूसरों को देने की अनुमति नहीं होती है।
दूसरे स्टेशन के निकलने के बाद TTE किसी भी RAC/WL यात्रियों को सीट देने के लिए स्वतंत्र होता है।
#3
डी-बोर्डिंग स्टेशन से यात्रा को आगे बढ़ाने का नियम
पीक सीजन के दौरान टिकट की कमी होने के कारण कई यात्रियों को मजबूरन अपने गंतव्य से पहले के स्टेशन की टिकट बुक करानी पड़ती है।
हालांकि, आप चाहें अपनी यात्रा को डी-बोर्डिंग स्टेशन से आगे भी बढ़ा सकते हैं। इसके लिए एक नियम है कि गंतव्य पर पहुंचने से पहले TTE से संपर्क करें।
TTE अतिरिक्त किराया वसूल करेगा और आगे की यात्रा के लिए टिकट जारी कर देगा, लेकिन आपको दूसरी बर्थ/सीट मिलने की संभावना हो सकती है।
#4
यात्रा मार्ग छोटा करने पर रिफंड को लेकर नियम
कभी-कभी प्राकृतिक आपदाओं या तकनीकी समस्याओं के कारण रेलवे को संबंधित ट्रेनों के यात्रा मार्ग को छोटा करना पड़ता है।
इस दौरान यदि रेलवे के पास बैकअप व्यवस्था नहीं होती है तो वे आपको पूरा किराया वापस कर देंगे।
हालांकि, अगर आप वैकल्पिक ट्रेन लेने के इच्छुक नहीं हैं तो यात्रा किए गए सेक्शन के किराए में कटौती की जाएगी और शेष राशि स्टेशन मास्टर को टिकट सौंपने के बाद आपको वापस कर दी जाएगी।
#5
पैक्ड खाद्य पदार्थों पर MRP का नियम
1989 के रेलवे अधिनियम के अनुसार, भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के विक्रेता MRP से अधिक मूल्य पर पैक्ड खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ या पानी की बोतलें नहीं बेच सकते हैं।
दरअसल, यह एक अपराध है। अगर आप किसी को ऐसा करते हुए पाते हैं तो तुरंत रेलवे के टोल-फ्री नंबर 139 या 1800111321 पर शिकायत दर्ज करें।
इससे विक्रेता पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और उसका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।
जानकारी
भारतीय रेलवे के अन्य महत्वपूर्ण नियम
रात 10 बजे के बाद TTE यात्रियों को टिकट दिखाने को नहीं कह सकता है। इसके अतिरिक्त, आप चाहें तो वॉशरूम या कोच को साफ करने के लिए cleanmycoach.com पर शिकायत कर सकते हैं। अगले स्टेशन पर मेंटेनेंस टीम आपकी सेवा के लिए तैयार रहेगी।