ऐसे चोरों को सबक सिखा रही रेलवे, घर पर काम नहीं करते ट्रेन के बल्ब-पंखे
क्या है खबर?
आप आए दिन चोरों द्वारा घर, दुकान, बैंक और वाहनों पर हाथ साफ करने की घटनाएं तो सुनते रहते हैं, लेकिन ट्रेनों में लगी ट्यूबलाइट, बल्ब और पंखों के चोरी होने की घटनाएं नहीं सुनी होगी।
अब सोचने की बात यह है कि ट्रेनों से इन उपकरणों को आसानी से चुराया जा सकता है, लेकिन उसके बाद भी यह चोरी क्यों नहीं होते?
हम आपको बता दें कि इसके पीछे भारतीय रेलवे की चतुराई बड़ा कारण है।
योजना
इंजीनियरों की योजना ने रेलवे को दिलाई चोरों पर जीत
उत्तर-पश्चिम रेलवे के बांदीकुई जंक्शन पर तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर (SSE) प्रकाश सैनी ने न्यूजबाइट्स को बताया कि सालों पहले रेलवे ने ट्रेनों में लगाए जाने वाले ट्यूबलाइट और पंखों को चोरी से बचाने के लिए इंजीनियरों से योजना तैयार कराई थी।
इसके तहत इंजीनियरों ने ट्रेनों में डायरेक्ट करंट (DC) का उपयोग करने की सलाह दी थी। इसके अलावा उपकरणों के संचालन के लिए 110 वोल्ट DC करंट सप्लाई का निर्णय किया था।
परिणाम
घरों में काम नहीं करते हैं ट्रेनों में लगे ट्यूबलाइट और पंखे
SSE सैनी के अनुसार ट्रेनों में 110 वोल्ट DC करंट सप्लाई के कारण ही उसके ट्यूबलाइट और पंखे घरों में काम नहीं करते हैं।
इसका कारण है कि घरों में अल्टरनेटिंग करंट (AC) के 220 वोल्ट की सप्लाई होती है। इसी तरह घरों में कोई बैटरी भी हो तो उसका DC वोल्टेज अधिकतम 12 या 24 वोल्ट का होता है।
ऐसे में जब ट्रेनों के उपकरणों को घरों में चलाने का प्रयास किया जाता है तो वह जल जाते हैं।
AC और DC
क्या होता है AC और DC करंट में अंतर?
SSE सैनी ने बताया कि AC करंट का दिशा और मान बदला जा सकता है, लेकिन DC करंट में इसे नहीं बदला जा सकता। AC करंट का उपयोग घरों में किया जाता है। इसी से सभी उपकरण चलते हैं।
इसी तरह मोबाइल की बैटरी, अन्य बैटरी, वैल्डिंग, इलैक्ट्रोप्लेटिंग और सेल में DC करंट होता है। किसी बैटरी को चार्ज करने के लिए DC करंट की आवश्यकता होती है। इसी तरह AC करंट को स्टोर नहीं किया जा सकता है।
सप्लाई
बोगी के नीचे लगे बैटरी बॉक्स से होती है ट्रेन में बिजली सप्लाई
SSE सैनी ने बताया कि ट्रेनों में बिजली सप्लाई के लिए प्रत्येक बोगी के नीचे एक बैटरी बॉक्स बनाया जाता है। इसमें तीन बैटरी होती है।
इन बैटरियों को DC करंट से चार्ज किया जाता है और उसके बाद ये बैटरी पूरी यात्रा के दौरान सप्लाई देती है।
उन्होंने बताया कि सभी बैटरियों का कनेक्शन एक-दूसरे से जुड़ा होता है। ऐसे में यदि कोई बैटरी खत्म भी हो जाती है तो दूसरी बैटरी से बोगी में सप्लाई बनी रहती है।
जानकारी
DC सप्लाई के कारण जल्दी जलते हैं स्विच
सैनी ने बताया कि वोल्टेज कम होने से धारा का प्रवाह बढ़ जाता है। घरों में 220 वोल्ट होता है और ट्रेनों में 110 वोल्ट होता है। ऐसे में ट्रेनों में धारा का प्रवाह अधिक होता है। इसी कारण ट्रेनों के स्विच जल्दी जलते हैं।
सफलता
घरों में काम नहीं करने के बाद बंद हुई ट्यूबलाइट और पंखों की चोरी
राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के अलवर थाने के ASI कैलाश मीणा ने बताया कि ट्रेनों से ट्यूबलाइट और पंखें चोरी होने की घटनाएं बहुत ही कम सामने आती हैं। कुछ लोग जानकारी के अभाव में पंखे और ट्यूबलाइट खोलकर ले जाते हैं, लेकिन वह चोरों के घरों में काम नहीं करती है। कुछ दिन बाद ट्यूबलाइट और पंखें कचरे में पड़े मिल जाते हैं।
यही कारण है कि चोरों ने ट्रेनों में लगे इन उपकरणों को चुराना बंद कर दिया।
तैयारी
AC करंट सप्लाई पर आने की तैयारी में है रेलवे
SSE सैनी ने बताया कि ट्रेनों में लगे DC करंट चालित उपकरणों के रख-रखाव पर अधिक खर्च आता है।
ऐसे में रेलवे अब ट्रेनों में AC करंट सप्लाई शुरू करने का विचार कर रही है। इसका कारण है कि विद्युतीकृत लाइन पर इनवर्टर के जरिए DC करंट को आसानी से AC में परिवर्तित किया जा सकता है।
इससे रेलवे का रख-रखाव पर आने वाला खर्च कर हो जाएगा। रेलवे ने प्रायोगिक तौर पर इसकी शुरुआत भी कर दी है।