
चीनी कंपनी के शामिल होने पर रेलवे ने रद्द किया वंदे भारत ट्रेन के लिए टेंडर
क्या है खबर?
भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को एक चीनी संयुक्त उद्यम का नाम सामने आने के बाद 44 वंदे भारत ट्रेनों का टेंडर रद्द कर दिया है।
पिछले महीने जब निविदाएं खोली गई थीं तो ट्रेन के इलेक्ट्रिक उपकरणों और दूसरे सामान की आपूर्ति के लिए छह दावेदारों में से एक चीनी संयुक्त उद्यम का नाम शामिल था।
यह एकमात्र विदेशी उद्यम था, जिसने इसमें रूचि दिखाई थी।
रेलवे का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर नई निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी।
टेंडर
रेलवे ने नहीं किया टेंडर रद्द करने की असल वजहों का खुलासा
जिस कंपनी को टेंडर मिला था, उसका नाम CRRC पायनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड है।
यह चीन कंपनी CRRC यॉन्गजी इलेक्ट्रिक कंपनी और गुरूग्राम स्थित भारतीय कंपनी पायरनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है। इसकी स्थापना 2015 में हुई थी।
हालांकि, भारतीय रेलवे ने यह टेंडर रद्द करने की वजह का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसका कहना है कि नई निविदा में 'मेक इन इंडिया' को प्राथमिकता दी जाएगी।
जानकारी
घरेलू कंपनी को टेंडर देना चाहता है रेलवे- सूत्र
सूत्रों ने कहा कि रेलवे यह सुनिश्चित करना चाहता है कि एक पूर्ण घरेलू इकाई निविदा हासिल करे। जैसे ही रेलवे को यह मालूम हुआ कि एक चीनी संयुक्त उद्यम के हाथ बाजी लगने वाली है तो इस टेंडर को रद्द कर दिया गया है।
सवाल
CAIT के विरोध के बाद बदले हालात?
दरअसल, 10 जुलाई को रेलवे की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री ने निविदाएं आमंत्रित की थी। इस परियोजना की लागत तकरीबन 1,500 करोड़ रुपए है।
निविदाएं देने में चीनी संयुक्त उद्यम के अलावा भारत हैवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सर्वो ड्राइव्स प्राइवेट लिमिटेज और पावरनेटिक्स इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल थीं।
इसी बीच कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर चीनी कंपनियों को टेंडर न देने की मांग की थी।
जानकारी
बीते महीने भी रद्द किया गया था थर्मल कैमरों का टेंडर
इसी तरह पिछले महीने रेलवे ने कोरोना वायरस सर्विलांस के लिए खरीदे जाने वाले थर्मल कैमरों की टेंडर रद्द कर दिया था। रेलवे का कहना था इसमें एक चीनी कंपनी को वरीयता मिल रही थी।
जानकारी
अब घरेलू कंपनियों को दी जाएगी वरीयता
रेल मंत्रालय ने वंदे भारत ट्रेनों से जुड़े ठेके के बारे में जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा कि 44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है। संशोधित सार्वजनिक खरीद ('मेक इन इंडिया' को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी।''
घरेलू कंपनियों को वरीयता देने के लिए रेलवे ने क्लास-1, 2 और गैर-घरेलू आपूर्तिकर्ताओं का कॉन्सेप्ट शुरू किया है।
विवाद की वजह
गलवान घाटी की झड़प के बाद बदले हालात
बता दें कि लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच भारत ने चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों को कम कर लिया है।
बीती 20 जून को गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान शहीद हो गए थे।
इसके बाद से देश में चीन विरोधी लहर जोर पकड़ चुकी है। लोग चीन में बने सामानों का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं।