मोदी सरकार के अंतिम बजट सत्र की तारीख तय, 1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
क्या है खबर?
संसद के शीतकालीन सत्र में आरक्षण को लेकर चल रहे रण के बीच बजट सत्र की तारीख तय हो गई है।
बजट सत्र 31 जनवरी से शुरु होकर 13 फरवरी तक चलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को संसद में इस NDA सरकार का अंतिम बजट पेश करेंगे।
यह बजट अंतरिम होगा क्योंकि इसके बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। पूरा बजट चुनावों के बाद जिस पार्टी की भी सरकार आएगी, वह पेश करेगी।
घोषणाएं
हो सकती हैं लोकलुभावन घोषणाएं
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCPA) ने अपनी बैठक में बजट सत्र की तारीखों का ऐलान किया है।
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनावों को देखते हुए मोदी सरकार बजट में लोकलुभावन घोषणाएं कर सकती है। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी बजट में कुछ खास होने की उम्मीद जताई जा रही है।
किसानों में सरकार को लेकर नाराजगी साफ है और इसका असर हाल ही में हुए पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों में भी देखा गया था।
सीमित खर्च
पूरा बजट पेश करेगी आने वाली सरकार
बता दें कि चुनाव के साल में अंतरिम बजट में सीमित समय के लिए जरूरी सरकारी खर्च की अनुमति होती है और इसके बाद नई सरकार पूरा बजट पेश करती है।
साल 2014 के आम चुनाव के समय भी ऐसा हुआ था। तत्कालीन UPA सरकार के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट पेश किया था।
इसके बाद जुलाई में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार में आने के बाद अरुण जेटली ने पूरा बजट पेश किया था।
मास्टरस्ट्रोक या गलती?
शीतकालीन सत्र में सवर्णों को आरक्षण पर जंग जारी
संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण संबंधी संविधान संशोधन बिल के कारण भूचाल का केंद्र बना हुआ है।
मोदी सरकार बिल के जरिए अपने सवर्ण वोटबैंक को और मजबूत करना चाहती है। इसी के साथ सरकार का लक्ष्य आरक्षण पर नए सिरे से बहस शुरु करने का भी है।
कुछ विश्लेषक इसे तीन हिंदी राज्यों में हार के बाद बीजेपी के मास्टरस्ट्रोक के रूप में भी देख रहे हैं।