रूमेटाइड गठिया से राहत पाने के लिए इन योगासन का करें अभ्यास, मिलेगा फायदा
क्या है खबर?
रूमेटाइड गठिया की समस्या तब होती है जब रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक से काम नहीं करता है और यह शरीर के ऊतकों को नुकसान पहुंचाने लगती है।
यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है और इससे शरीर के दोनों तरफ के जोड़ जैसे घुटनें, कलाइयां और हाथ पर दर्द और सूजन की संभावना बढ़ जाती है।
आइज आज इस समस्या से राहत पाने के लिए कुछ योगासन के बारे में जानते हैं।
#1
भुजंगासन
भुजंगासन के लिए योगा मैट पर दोनों हाथों को कंधों के बगल में रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब हाथों से दबाव देते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और दोनों पैरों को सीधा रखते हुए स्ट्रेच करें।
इसके बाद 30 सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
यह मुद्रा घुटनों को फैलाती इसलिए यह जोड़ों के दर्द को कम करने में मददगार है।
#2
सेतुबंध सर्वांगासन
इस योग का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और शरीर के बगल में हाथ रखते हुए हथेलियों को नीचे की तरफ रखें।
अब दोनों घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर रखें। इसके साथ अपने कंधों, हाथों और पैरों का सहारा लेते हुए अपनी पीठ को फर्श से उठाएं।
थोड़ी देर तक इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। यह आसन जोड़ों और जांघों को मजबूत बनाता है।
#3
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां पैर का तलवा दायीं जांघ पर रख लें।
अब दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं।
थोड़ी देर इसी मुद्रा में रहकर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आएं और फिर थोड़ा शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
#4
पश्चिमोत्तानासन
सबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाकर दोनों पैरों को आपस में सटाते हुए आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे कि ओर झुकें। सिर को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगुठों को पकड़ने की कोशिश करें।
कुछ सेकंड तक इस मुद्रा में बने रहें। यह योग हैमस्ट्रिंग और काफ की मांसपेशियों को फैलाती है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
#5
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों को जितना हो सके उतना खोलें।
इसके बाद दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं और फिर दाहिने हाथ की उंगलियों से दाहिने पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में 2-3 मिनट तक रहने के बाद सामान्य हो जाएं। अब इसी प्रक्रिया को बाएं हाथ की तरफ से भी दोहराएं।