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रूमेटाइड अर्थराइटिस: जानिए इस रोग के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ी जानकारी

रूमेटाइड अर्थराइटिस: जानिए इस रोग के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

लेखन अंजली
Feb 15, 2023
07:50 pm

क्या है खबर?

रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है। इससे ग्रस्त व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है और शरीर के जोड़ वाले हिस्सों में सूजन के साथ तेज दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में समय रहते इस बीमारी का उपचार जरूरी है, लेकिन इससे जुड़ी पूरी जानकारी के बिना यह संभव नहीं है। आइए आज रूमेटाइड अर्थराइटिस होने के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में जानते हैं।

कारण

क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण? 

रूमेटाइड अर्थराइटिस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के स्वस्थ शरीर के ऊतकों पर हमला करने का परिणाम है। इसी तरह आनुवांशिकता और धूम्रपान भी इस बीमारी का जोखिम बढ़ा सकते हैं। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जो लोग सिगरेट पीते हैं उनमें रूमेटाइड अर्थराइटिस विकसित होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। इसी तरह मोटापा और गलत आहार के कारण भी रूमेटाइड अर्थराइटिस की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती है।

लक्षण

क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़े लक्षण? 

रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण आमतौर पर हाथों, कलाई और घुटनों के जोड़ों को प्रभावित करते हैं, लेकिन फेफड़े, हृदय, आंखों सहित पूरे शरीर के ऊतकों और अंगों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। जोड़ो में दर्द, अकड़न, सूजन, थकान, भूख में कमी, कमजोरी इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं। लक्षण हल्के से गंभीर तक भिन्न हो सकते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

तरीके

रूमेटाइड अर्थराइटिस का पता लगाने के तरीके

अगर किसी व्यक्ति को रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण नजर आते हैं तो उसे तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे वह कुछ जांच कराकर बता सकते हैं कि आपको यह बीमारी है या नहीं। इसके लिए डॉक्टर उसे एक्स-रे और MRI स्कैन कराने को कह सकता है। अगर डॉक्टर को व्यक्ति में रूमेटाइड अर्थराइटिस होने की संभावना दिखाई देती है तो वह उसे ESR टेस्ट, CRP टेस्ट और एंटी-CCP टेस्ट कराने की भी सलाह दे सकता है।

इलाज

क्या है रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज? 

रूमेटाइड अर्थराइटिस का इलाज दो तरह (दवा और सर्जरी) से किया जा सकता है। दवा: दर्द और सूजन को कम करने, जोड़ों की प्रक्रिया में सुधार करने और जोड़ों के खराब होने के जोखिम को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ खास दवाएं दे सकते हैं। सर्जरी: अगर समस्या गंभीर हो जाती है तो डॉक्टर सर्जरी कराने की भी सलाह दे सकते हैं। इसमें जॉइंट रिप्लेसमेंट आदि प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।