पीलिया: जानिए लिवर से जुड़े इस रोग के कारण, लक्षण और इलाज
पीलिया एक ऐसा रोग है, जिसमें त्वचा का रंग, आंखों का सफेद हिस्सा और श्लेष्मा झिल्ली (Mucus Membrances) पीला पड़ जाता है। यह रोग शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ के अधिक होने पर होता है। इससे लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लिवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। आइए आज पीलिया और इस रोग के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में जानते हैं।
पीलिया के कारण
पीलिया तब होता है जब इंसान के शरीर में बिलीरुबिन उत्पादन में कोई समस्या होती है और इसकी मात्रा अधिक हो जाती है। कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव, ज्यादा शराब का सेवन, पित्त पथरी की बीमारी और अग्नाशय के कैंसर के कारण भी पीलिया हो सकता है। इसके अलावा हेपेटाइटिस या सिरोसिस जैसे लिवर संक्रमण के कारण भी पीलिया होता है। यह लिवर के ऊतकों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं और इसकी कार्यप्रणाली को बाधित करते हैं।
पीलिया से जुड़े लक्षण
पीलिया के लक्षण काफी स्पष्ट और दिखाई देने वाले होते हैं। इसमें त्वचा का रंग या आंखों का सफेद हिस्सा पीले रंग में बदल जाता है और त्वचा पर जगह-जगह पर नील के धब्बे पड़ने लगते हैं। इसमें पीड़ित लोगों को पीली त्वचा के साथ-साथ पीले मल, गहरे रंग के पेशाब और खुजली का अनुभव भी हो सकता है। इसके अलावा बुखार, थकान, उल्टी, वजन कम होना और पेट में दर्द होना भी पीलिया के प्रमुख लक्षण होते हैं।
पीलिया के कारण होने वाली समस्याएं
पीलिया एक जानलेवा रोग नहीं है, लेकिन कभी-कभी यह गंभीर रूप ले सकता है। इस दौरान शरीर बिलीरुबिन के उच्च स्तर का उत्पादन करता है, जो काफी विषाक्त हो सकता है। इसकी वजह से शिशुओं में कर्निकटेरस हो सकता है, जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा स्थिति अधिक गंभीर होने के कारण कब्ज, पेट फूलना, गैस, एसिडिटी और डायरिया जैसी अन्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का खतरा भी बढ़ सकता है।
पीलिया का इलाज
बड़ों लोगों में पीलिया की स्थिति अधिक चिंताजनक नहीं होती है, लेकिन यह शिशुओं में काफी गंभीर हो सकता है। इससे ग्रसित शिशुओं की मां को उन्हें अधिक और बार-बार दूध पिलाने के लिए कहा जा सकता है। इसमें डॉक्टर फोटोथेरेपी की सलाह भी दे सकते हैं, जो त्वचा में बिलीरुबिन को तोड़ने में मदद करती है। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने जीवनशैली और डाइट में बदलाव करके इस रोग से बचा जा सकता हैं।
पीलिया में क्या खाएं और क्या नहीं?
पीलिया होने पर खान-पान का अधिक ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए अपनी डाइट में फलों का जूस, दही, मूली, पपीता, तुलसी और टमाटर शामिल करें। इसके अलावा अधिक पानी पीएं, दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं, नारियल के पानी का सेवन करें। इसके साथ ही ढेर सारा आराम करें और अधिक मेहनत करने से बचें। इसके अलावा पीलिया होने पर बाहर का खाना, मक्खन, कॉफी, अधिक तीखा और तैलीय खाना खाने से बचें।