जायडस कैडिला की वैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी, पैनल ने की सिफारिश
क्या है खबर?
भारत में जल्द ही जायडस कैडिला की तीन खुराक वाली वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। नियामक संस्था की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने इसको मंजूरी देने की सिफारिश कर दी है। न्यूज18 ने यह जानकारी दी है।
स्वदेशी कंपनी कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड ने 1 जुलाई को अपनी वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
28,000 लोगों पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल में यह वैक्सीन 66.6 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
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कंपनी का दावा- बच्चों के लिए भी सुरक्षित है वैक्सीन
कैडिला का यह भी दावा है कि उसकी वैक्सीन 12-18 साल के बच्चों और किशोरों के लिए भी सुरक्षित है। हालांकि, अभी तक इनके ट्रायल के आंकड़ों को पीयर रिव्यू नहीं किया गया है।
मंजूरी मिलने के बाद भारत में इस्तेमाल की अनुमति पाने वाली यह कुल छठी और कोवैक्सिन के बाद दूसरी स्वदेशी वैक्सीन होगी।
कंपनी ने भारत सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुंसधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर इस वैक्सीन को विकसित किया है।
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2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर की जा सकती है वैक्सीन
कंपनी ने बताया था कि मंजूरी मिलने के दो महीने के भीतर वह इस वैक्सीन को बाजार में उतार सकती है। इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर तीन महीनों तक रखा जा सकता है।
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वैक्सीन लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की नहीं पड़ेगी जरूरत
जायडस कैडिला वैक्सीन की खास बात यह है कि इसे लगाने के लिए सुई वाले इंजेक्शन की जरूरत नहीं होगी। यह इंट्राडर्मल इंजेक्शन होगा, जिसे लगाना आसान होता है।
बता दें कि इंट्राडर्मल इंजेक्शन वो होते हैं, जो मांसपेशियों की बजाय त्वचा में लगाए जाते हैं। इस वजह से वैक्सीन लगवाते समय होने वाला दर्द भी कम हो जाता है।
भारत में हरी झंडी पा चुकी वैक्सीनों के विपरित इस वैक्सीन की तीन खुराकों की जरूरत होगी।
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28वें दिन दूसरी और 56वें दिन लगेगी तीसरी खुराक
जायडस की वैक्सीन की दूसरी खुराक को पहली खुराक के 28वें दिन और तीसरी खुराक को 56वें दिन दिया जाएगा। कंपनी दो खुराकों वाली वैक्सीन पर भी काम कर रही है। इसके लिए नियामक संस्था ने अतिरिक्त आंकड़ों की मांग की है।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत में पांच वैक्सीनों को मिली मंजूरी
भारत में अब तक पांच कोरोना वैक्सीनों को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन तीन का ही इस्तेमाल हो रहा है।
शुरुआत से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अप्रैल में स्पूतनिक-V को हरी झंडी दिखाई गई थी और फिलहाल ये तीनों इस्तेमाल हो रही हैं।
मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीनों को भी मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इनका उपयोग शुरू नहीं हुआ है।
कोरोना वायरस
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 57,22,81,488 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 54,71,282 खुराकें लगाई गईं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक 44,44,86,031 लोगों को पहली और 12,77,95,457 लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराकें दी गई हैं।
सरकार ने दिसंबर तक पूरी व्यस्क आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा है, जो मौजूदा रफ्तार से काफी मुश्किल लग रहा है।