कोरोना वैक्सीन भेजने के लिए भारत सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा अमेरिका
क्या है खबर?
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि वह वैक्सीन भेजने के लिए तैयार है और इसके लिए भारत सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहा है।
भारत सरकार ने अमेरिका को बताया है कि वह दान में मिली वैक्सीन प्राप्त करने के लिए कानूनी प्रावधानों की समीक्षा कर रही है और उसे इसके लिए थोड़ा समय चाहिए।
बाइडन प्रशासन ने कहा है कि वह भारत सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलते ही वैक्सीन भेज देगा।
वैक्सीन का दान
नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश में पहुंचने लगी हैं खुराके
अमेरिका दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिन्होंने अपनी जरूरत से ज्यादा खुराकों का ऑर्डर किया था।
बाद में बाइडन प्रशासन ने ऐलान किया कि अमेरिका भारत समेत दुनिया के कई देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन की आठ करोड़ खुराकें दान करेगा। बीते कुछ हफ्तों में पाकिस्तान, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश आदि देशों में ये खुराकें पहुंचने लगी हैं।
आयात से जुड़ी औपचारिकताएं लंबित रहने के कारण अभी ये खुराकें भारत नहीं पहुंची हैं।
बयान
"भारत सरकार ने मांगा समय"
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वैक्सीन लेने से पहले हर देश को इससे जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करना होता है। भारत ने कहा है कि उसे इसके कानूनी प्रावधानों की समीक्षा के थोड़े समय की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा इन प्रक्रियाओं को पूरा कर लिए जाने पर यहां से खुराकों का जाना शुरू हो जाएगा। वैक्सीन वितरण में कोवैक्स की मदद ली जा रही है।
बयान
चार करोड़ खुराकें दान कर चुका अमेरिका- प्राइस
प्राइस ने कहा कि दक्षिण एशियाई देशों में अमेरिका लाखों खुराकें भेज रहा है। अभी तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव, पाकिस्तान और श्रीलंका भेजी जा चुकी हैं। अमेरिका ने अभी तक लगभग चार करोड़ खुराकें दान की हैं।
बयान
प्राइस बोले- साथ मिलकर काम कर रहे हैं भारत और अमेरिका
भारत और अमेरिका मिलकर कोरोना वायरस के इलाज, वैक्सीनों, इसके लिए जरूरी दवाओं और उन तक लोगों की पहुंच बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
प्राइस ने कहा, "हम ऐसा इसलिए कर पा रहे हैं क्योंकि भारत का फार्मा क्षेत्र मजबूत है। पिछले कुछ समय से यह दुनिया के लिए वैक्सीन बनाने में अहम योगदान दे रहा है। हमें खुशी है कि अमेरिकी कंपनियां भी अपने भारतीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।"
वैक्सीन वितरण
क्वॉड बैठक में हुआ समझौता अहम- प्राइस
प्राइस ने यह भी कहा कि इस साझेदारी के अलावा क्वॉड सम्मेलन में भी यह भी समझौता हुआ था कि अमेरिका भारत के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीनों का उत्पादन करेगा। इससे दुनियाभर में वैक्सीन की खुराकें के वितरण में सहायता मिलेगी।
बता दें कि मार्च में हुई क्वॉड देशों की पहली बैठक में चारों देश मिलकर अगले साल के अंत तक एशियाई देशों को कोरोना की एक अरब वैक्सीन भेजने पर सहमत हुए थे।
वैक्सीन संकट
भारत में फिर पड़ने लगी वैक्सीन की कमी
देश के कई राज्यों में एक बार फिर वैक्सीन की कमी महसूस होने लगी है। इसे लेकर राज्य सरकारों की तरफ से केंद्र को जानकारी दे दी गई है।
बीते दिन राजधानी दिल्ली में फिर से कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड खत्म हो गई है, जिस कारण कई सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र बंद रहे।
इसी तरह खुराकों की कमी के चलते ओडिशा के कई जिलों में वैक्सीनेशन अभियान रोका गया है। वहीं महाराष्ट्र में इस अभियान की रफ्तार धीमी है।
कोरोना वैक्सीनेशन
धीमी पड़ रही है वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार
खुराकों की कमी के कारण राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार भी धीमी पड़ी है।
नए चरण की शुरूआत के बाद 21-27 जून के हफ्ते में देश में रोजाना औसतन 61.14 लाख खुराकें लगीं, वहीं 28 जून से 4 जुलाई वाले हफ्ते में ये आंकड़ा गिरकर रोजाना 41.92 लाख खुराक और 5-11 जुलाई के पिछले हफ्ते में 34.32 लाख खुराक पर आ गया।
11 जुलाई को मात्र 13.3 लाख खुराकें लगीं जो 30 मई के बाद सबसे कम हैं।