12-18 आयुवर्ग के लिए जल्द आएगी वैक्सीन, दिसंबर तक सभी व्यस्कों के वैक्सीनेशन की योजना- केंद्र
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि देश में जल्द ही 12-18 साल के किशोरों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन उपलब्ध होगी। फार्मा कंपनी जाइडस-कैडिला इस वैक्सीन का निर्माण कर रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैक्सीनेशन नीति पर पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा है कि इस साल के अंत तक देश के सभी व्यस्कों को वैक्सीन लगा दी जाएगी। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा था जवाब
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में सरकार की वैक्सीनेशन नीति में वैक्सीनों की अलग-अलग कीमत, वैक्सीन की कमी, वैक्सीन खरीद में भेदभाव और अभियान की धीमी रफ्तार को लेकर सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इन सभी मामलों पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की वैक्सीनेशन नीति में मौजूद खामियों को उजागर करते हुए जवाब मांगा था।
18 साल के कम उम्र वालों के लिए आएंगी इन कंपनियों की वैक्सीन
अपने जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि जाइडस कैडिला ने 12-18 साल के किशोरों के लिए DNA वैक्सीन का इंसानी ट्रायल पूरा कर लिया है। इसे मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही उपलब्ध करवा दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया गया है कि दवा नियामक ने भारत बायोटेक को 2-18 साल के बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी दे दी है और देशभर में कई जगहों पर यह ट्रायल शुरू हो चुका है।
व्यस्कों के वैक्सीनेशन के लिए सरकार की क्या योजना?
कोर्ट को सौंपे हलफनामे में सरकार ने कहा है कि उसे इस साल के अंत तक पांच कंपनियों से कोरोना वैक्सीनों की 188 खुराकें मिलने की उम्मीद है, जो 18 साल से ऊपर के सभी 94 करोड़ नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त होंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी की तरफ से दायर किए गए हलफनामे में कहा गया है कि जुलाई अंत तक देश में वैक्सीन की 51.6 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी।
इन पांच कंपनियों से 135 करोड़ खुराकें खरीदेगी सरकार
सरकार ने बताया है कि वो अगस्त से दिसंबर के बीच पांच कंपनियों से 135 करोड़ खुराकें खरीदेंगी। इनमें से 50 करोड़ खुराकें कोविशील्ड की, 40 करोड़ कोवैक्सिन की, 30 करोड़ बायोलॉजिकल ई की सब यूनिट वैक्सीन की, पांच करोड़ जाइडस कैडिला और 10 करोड़ स्पूतनिक-V की होंगी। सरकार ने हलफनामे में देश में विकसित हो रहीं बाकी वैक्सीनों को शामिल नहीं किया है, जो साल के अंत तक इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकती हैं।
पहले बताई गईं इन वैक्सीनों को हलफनामे में जगह नहीं
सरकार द्वारा अब सुप्रीम कोर्ट को बताई गई संख्या कोरोना टास्क फोर्स द्वारा मई में बताई गई मात्रा से काफी कम है। मई में टास्क फोर्स के प्रमुख ने कहा था कि अगस्त से दिसंबर के बीच देश में 216 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी। अब सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में कोवावैक्स की 20 करोड़ खुराकें, भारत बायोटेक की नैजल वैक्सीन की 10 करोड़ और जिनोवा वैक्सीन की छह करोड़ खुराकें शामिल नहीं की गई हैं।
विदेशी कंपनियों से भी चल रही बातचीत
हलफनामे में कहा गया है कि अगर सरकार को फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से वैक्सीन मिलती है तो वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार और तेज हो जाएगी। इसके लिए शीर्ष राजनीतिक और राजनयिक स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। सरकार ने कहा कि यह बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है, लेकिन अभी यह कह पाना मुश्किल है कि इन कंपनियों से भारत को कितनी खुराकों की आपूर्ति होगी और यह कब से शुरू होगी।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 32,17,60,077 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 64,25,893 खुराकें लगाई गईं। नई वैक्सीन नीति लागू होने के बाद वैक्सीनेशन ने रफ्तार पकड़ी है।