केंद्र ने स्वीकारा- आंध्र प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से हुई कुछ लोगों की मौत
क्या है खबर?
अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर में किसी भी मरीज के ऑक्सीजन की कमी से न मरने की बात कहती आई केंद्र सरकार ने आखिरकार आंध्र प्रदेश में कुछ लोगों के ऑक्सीजन की कमी से मरने की बात स्वीकार कर ली है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संसद में इस बात की पुष्टि की। बता दें कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की सरकारों से ऑक्सीजन की कमी से मरने वाले लोगों के आंकड़े मंगाए हैं।
बयान
10 मई को SVRR अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 9 अगस्त को दाखिल किए गए अपने जवाब में आंध्र प्रदेश सरकार ने 10 मई को SVRR अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से कुछ लोगों की मौत की बात कही।
मंत्रालय ने कहा, "शुरूआती जांच से ऐसा लगता है कि 10KL ऑक्सीजन टैंक के खत्म होने और बैकअप सिस्टम को चालू करने के अंतराल के कारण अस्पताल की ऑक्सीजन लाइंस में प्रेशर कम हो गया।"
घटना में मरे मरीज वेंटीलेटर पर थे।
पृष्ठभूमि
दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई थी कई मौतें
बता दें कि अप्रैल-मई में दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में ऑक्सीजन की कमी आ गई थी। इसके कारण दिल्ली, गोवा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दर्जनों मरीजों की मौत हो गई थी।
हालात इतने बिगड़ गए थे कि हाई कोर्ट्स के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के आदेश दिए थे।
राजनीति
ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने के केंद्र के जवाब पर गरमा गई थी राजनीति
हालांकि केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को राज्यसभा में दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने का बयान दे डाला जिससे राजनीति गरमा गई।
कांग्रेस, शिवसेना, आम आदमी पार्टी सहित अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने मामले में सरकार पर झूठ बोलने और सच्चाई छिपाने के गंभीर आरोप लगाए।
हालांकि भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए गैर-भाजपा शासित राज्यों पर केंद्र को गलत सूचना देने का आरोप लगाया।
जवाब
केंद्र ने राज्यों से मांगा जवाब, अभी तक 13 ने सौंपा
इस विवाद के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा मांगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ही केंद्र सरकार को जवाब सौंपे हैं।
इन राज्यों में ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, असम, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, त्रिपुरा, पंजाब, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।
पंजाब ने अपने जवाब में चार मौतों के संदिग्ध होने की बात कही है।
बयान
दिल्ली सरकार ने कहा- हमें केंद्र से कोई पत्र नहीं मिला
दूसरी लहर में ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा कमी का सामना करने वाली दिल्ली की सरकार ने दावा किया है कि उसके पास ऑक्सीजन की कमी से संबंधित मौतों का आंकड़ा जानने के लिए केंद्र का पत्र नहीं आया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर ऑक्सीजन संकट को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "दूसरी लहर में... अस्पतालों में लोग ऑक्सीजन की कमी से मर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र से सवाल किए। थे"