दिल्ली के बाद ओडिशा में भी वैक्सीन की कमी, 10 जिलों में वैक्सीनेशन रोका गया
कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी के कारण ओडिशा सरकार को राज्य के 10 जिलों में वैक्सीनेशन अभियान रोकना पड़ा है। इस महीने यह दूसरी बार है, जब वैक्सीनेशन रोका गया है। अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन की स्टॉक आने के बाद अभियान फिर से शुरू किया जाएगा। इससे पहले इसी हफ्ते दिल्ली सरकार ने भी वैक्सीन की कमी से वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार प्रभावित होने की बात कही थी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
इन जिलों में बंद हुआ वैक्सीनेशन अभियान
शनिवार को ओडिशा के बालासोर, ढनकेनाल, जाजपुर, कालाहांडी, केंद्रपाड़ा, कोरापुरट, मल्कानगिरी, नयागढ़ और सोनेपुर आदि जिलों में वैक्सीनेशन अभियान रोक दिया गया। हालांकि, बाकी जिलों में 308 केंद्रों पर लोगों को वैक्सीन की खुराक लगाई जा रही है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) पीके मोहपात्रा ने द टेलीग्राफ को बताया कि स्टॉक मिलने के बाद वैक्सीनेशन अभियान तेज किया जाएगा। वैक्सीनेशन को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और बेहतर सामंजस्य के चलते खुराकों की बर्बादी भी बंद हुई है।
ओडिशा को इस महीने 31 लाख खुराकों की जरूरत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन केंद्रों के बाहर लंबी लाइन लगती हैं। अगर वैक्सीनेशन बंद न किया जाता और रोजाना थोड़ी-थोड़ी खुराकें दी जाती तो इससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए वैक्सीनेशन बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि इस महीने ओडिशा को कम से कम 31 लाख खुराकों की जरूरत है। फिलहाल राज्य के पास कोविशील्ड की लगभग 60,000 और कोवैक्सिन की 3.93 लाख खुराकें बची हैं।
दिल्ली में भी वैक्सीन की कमी
दिल्ली भी इन दिनों वैक्सीन की कमी का सामना कर रही है। बीते मंगलवार को दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि यहां वैक्सीन की खुराकें खत्म हो गई हैं और यह भी जानकारी नहीं कि अब स्टॉक कब मिलेगा। उन्होंने कहा, "पिछले हफ्ते दिल्ली में रिकॉर्ड रफ्तार पर वैक्सीनेशन हुआ था। अभी यहां वैक्सीन नहीं है और न ही केंद्र से आपूर्ति मिल रही है। मैं केंद्र से जल्द से जल्द वैक्सीन भेजने की मांग करता हूं।"
गुरूग्राम में भी ऐसी ही स्थिति
दिल्ली से सटे गुरूग्राम में भी इस हफ्ते वैक्सीन की कमी देखी गई। इस वजह से कई दिनों बाद मंगलवार को पहली बार 10,000 से कम लोगों को वैक्सीन की खुराक लगाई गई थी। साथ ही कई वैक्सीनेशन केंद्रों पर सिर्फ दूसरी खुराक दी गई।
मई में भी हुई थी वैक्सीन की भारी कमी
वैक्सीनेशन अभियान शुरू होने के बाद एक बार फिर राज्य सरकारें वैक्सीन की कमी की बात कह रही हैं। इससे पहले अप्रैल-मई में भी वैक्सीन की भारी कमी महसूस की गई थी। मई में कई राज्यों ने खुराकों की कमी के चलते वैक्सीनेशन अभियान रोक दिया था। महामारी की दूसरी लहर के बीच घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाई थी। इसके बावजूद पर्याप्त मात्रा में खुराकें उपलब्ध नहीं हैं।
21 जून से बदली वैक्सीन नीति
21 जून से केंद्र सरकार ने वैक्सीन नीति में बड़ा बदलाव किया है। पहले जहां राज्यों को सीधी कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होती थी, वहीं 21 जून से यह काम केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है। अब केंद्र सरकार कंपनियों से वैक्सीन की खुराकों की खरीद करती है और फिर राज्यों को इनका वितरण किया जाता है। निजी अस्पताल अब भी पहले की तरह वैक्सीन कंपनियों से खुराकें खरीद सकते हैं।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 37,60,32,586 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन 37,23,367 खुराकें लगाई गईं। एक बार तेज होने के बाद वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार फिर से धीमी हो रही है। सरकार ने जुलाई मध्य से रोजाना कोरोना वायरस वैक्सीन की एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य रखा था, जो मौजूदा गति से बहुत दूर दिख रहा है।