जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाली वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिली
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक और वैक्सीन शामिल हो गई है।
दरअसल, भारत ने अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की एक खुराक वाली वैक्सीन जेनसेन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा कि भारत में पांच वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। यह कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को और तेज करेगी।
जानकारी
कंपनी ने सबसे पहले अप्रैल में किया था आवेदन
J&J ने सबसे पहले अप्रैल में आवेदन कर भारत में ब्रिजिंग ट्रायल की अनुमति मांगी थी।
विदेशी कंपनियों को भारत में वैक्सीन लॉन्च करने से पहले यह ट्रायल करना होता था, लेकिन बाद में सरकार ने यह अनिवार्यता हटा दी थी, जिसके बाद अगस्त में कंपनी ने आवेदन वापस ले लिया। हालांकि, कंपनी ने कहा था कि वह भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है।
शुक्रवार को J&J ने वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए दोबारा आवेदन किया था।
वैक्सीन आपूर्ति
बायोलॉजिकल ई लाएगी भारत में वैक्सीन
जॉनसन एंड जॉनसन हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई के साथ हुए समझौते के तहत भारत में वैक्सीन की आपूर्ति करेगी। इसी साल मई में दोनों कंपनियों ने वैक्सीन बनाने के लिए हाथ मिलाया था।
तब अमेरिकी कंपनी ने कहा था, "जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने के लिए बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ काम कर रही है। हमें उम्मीद है कि बायोलॉजिक ई हमारे वैश्विक वैक्सीन आपूर्ति नेटवर्क का एक अहम हिस्सा होगी।"
जानकारी
एक खुराक वाली चुनिंदा वैक्सीनों में शामिल है जेनसेन
जॉनसन एंड जॉनसन की जेनसेन एक खुराक वाली चुनिंदा वैक्सीनों में शामिल है। कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के लिए इस वैक्सीन की एक ही खुराक काफी है और दूसरी की जरूरत नहीं पड़ती।
अमेरिका, यूरोपीय संघ, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका आदि देशों में इस वैक्सीन को आपात उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है और इसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
अब तक के ट्रायल में यह वैक्सीन 66 फीसदी प्रभावी पाई गई है।
जेनसेन
डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी साबित हुई
J&J ने बीते महीने कहा कि कि उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन डेल्टा वेरिएंट को निष्क्रिय कर सकती है और उसके खिलाफ मजबूत एंटीबॉडीज विकसित करती है।
कंपनी ने बताया कि उसकी एक खुराक वाली वैक्सीन जेनसेन के लाभार्थियों में कोरोना वायरस के डेल्टा समेत सभी वेरिएंट्स के खिलाफ कम से कम से आठ महीनों तक मजबूती एंटीबॉडीज पाई गईं।
एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इस वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत में ये वैक्सीनें हो रहीं इस्तेमाल
भारत में अब तक चार कोरोना वैक्सीनों के इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी हैं, लेकिन तीन का ही इस्तेमाल शुरू हुआ है।
वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद अप्रैल में स्पूतनिक-V को हरी झंडी दिखाई गई थी। फिलहाल ये तीनों इस्तेमाल हो रही हैं।
मॉडर्ना की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं हुआ है।
वैक्सीनेशन अभियान
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 50 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी हैं। 16 जनवरी को शुरुआत के बाद भारत ने शुक्रवार को 50 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया।
बीते दिन लगाई गईं 49,55,138 खुराकें समेत अब तक देश में कुल 50,10,09,609 दी जा चुकी हैं।
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच सरकार को उम्मीद है कि अक्टूबर तक उसे 45 करोड़ खुराकें मिल जाएंगी।