सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच नहीं चल रही महाभारत- कानून मंत्री रिजिजू
क्या है खबर?
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच 'महाभारत' नहीं चल रही है और लोकतंत्र में बहस और चर्चा होती है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए कानून मंत्री ने कहा कि वो मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के संपर्क में हैं और दोनों के बीच छोटे से लेकर बड़े तक, हर मुद्दे पर बातचीत होती है।
उनका यह बयान सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच चल रही तनातनी के बीच आया है।
पृष्ठभूमि
सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रही तनातनी
पिछले कुछ समय से जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच तनातनी चल रही है।
सरकार जजों की नियुक्ति की मौजूदा प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं है और उसने CJI को पत्र लिखकर कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि नियुक्त करने की मांग की है। वहीं उपराष्ट्रपति भी सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले पर सवाल उठा चुके हैं।
वहीं सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का बचाव करते हुए इसे सही व्यवस्था करार दे रहा है।
बयान
जजों को चुनाव में नहीं उतरना होता- रिजिजू
अपने संबोधन के दौरान रिजिजू ने कहा कि नेताओं की तरह जजों को चुनाव नहीं लड़ना पड़ता।
उन्होंने कहा, "एक जज एक बार जज बनता है और उसे दोबारा चुनाव नहीं लड़ना पड़ता। जनता जजों की समीक्षा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने जजों के लिए कहा कि जब लोग उन्हें नहीं चुनते, लेकिन लोग उन्हें देखते हैं। उनके फैसलों को, उनके काम करने और न्याय देने के तरीके को देखते हैं।"
बयान
CJI को पत्र भेजना मेरा कर्तव्य था- रिजिजू
रिजिूजू ने कहा कि सरकार और न्यायपालिका के बीच कोई तनाव नहीं है। अगर बातचीत और बहस नहीं होगी तो यह कैसा लोकतंत्र है? अगर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद है तो कुछ लोग इसे महाभारत के तौर पर पेश करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।
वहीं CJI को भेजे पत्र के बारे में रिजिजू ने कहा कि ऐसा करना उनका कर्तव्य था।
बता दें, इसमें रिजिजू ने कॉलेजियम में सरकारी प्रतिनिधि को शामिल करने की मांग की थी।
बयान
जजों पर होता है जनमत का असर- रिजिजू
पूर्व CJI एनवी रमन्ना के जजों की आलोचना को लेकर सरकार को भेजे गए पत्र का संदर्भ देते हुए रिजिजू ने कहा कि जज उन फैसलों के सुनाते समय सावधान होते हैं, जिन पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया मिल सकती है।
कानून मंत्री ने कहा कि जज ऐसे फैसले नहीं देते हैं, जिन पर समाज कड़ाई से प्रतिक्रिया देता है। आखिर में जज भी इंसान है और लोगों की राय का उन पर असर होता है।
जानकारी
कानून मंत्री ने शेयर किया था रिटायर जज का बयान
रविवार को रिजिजू ने दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज आरएस सोढी का एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वो कह रहे थे, "सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार संविधान को उस वक्त हाईजैक किया, जब उसने कहा कि वो जजों की नियुक्ति करेगा और सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।"
इसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि अधिकतर लोगों का यही मानना है।
उनके इस बयान को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सार्वजनिक की गई आपत्तियों का जवाब माना गया।