सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम बैठक की जानकारी सार्वजनिक करने से किया इनकार, खारिज की याचिका
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति के लिए हुई एक कॉलेजियम बैठक की जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है।
इस संबंध में दायर की गई एक याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि कॉलेजियम की बैठकों में जो भी चर्चा होती है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता और केवल अंतिम निर्णय को जारी किया जाता है।
कोर्ट ने कहा कि याचिका में कोई दम नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जा रहा है।
याचिका
याचिका में किस बैठक की जानकारी मांगी गई थी?
सामाजिक कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज ने अपनी याचिका में 12 दिसंबर, 2018 को हुई कॉलेजियम की एक बैठक की जानकारी मांगी थी।
इस बैठक में दो जजों की नियुक्ति पर फैसला लिया गया था, लेकिन इन नामों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया और बाद में फैसले को पलट दिया गया।
बैठक में शामिल रहे जस्टिस मदन बी लोकुर ने जनवरी, 2019 में एक इंटरव्यू में फैसले को वेबसाइट पर अपलोड न करने पर निराशा जताई थी।
डाटा
याचिकाकर्ता ने पहले RTI के जरिए मांगी थी जानकारी
याचिकाकर्ता अंजली भारद्वाज ने पहले कॉलेजियम की इस बैठक की जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आवेदन करके मांगी थी, लेकिन जब उन्हें RTI के जरिए जानकारी नहीं मिली तो उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी।
फैसला
कोर्ट ने क्या कहते हुए याचिका खारिज की?
अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कॉलेजियम बैठक की जानकारी देने की अंजली की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कॉलेजियम बैठक में उपस्थित रहे एक जज (जस्टिस लोकुर) के इंटरव्यू पर आधारित समाचारों पर भरोसा करते हुए याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने कहा, "हम मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। बाद का फैसला काफी स्पष्ट था। (याचिका में) कई दम नहीं है, ये खारिज करने योग्य है।"
तनाव
कॉलेजियम को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार में चल रहा है तनाव
सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला ऐसे समय पर सुनाया है जब कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनाव चल रहा है।
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू इस पर सवाल उठाते हुए कह चुके हैं कि भारतीय संविधान के लिए कॉलेजियम सिस्टम एक एलियन की तरह है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी अपने एक बयान में सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (NJAC) अधिनियम रद्द करने पर सवाल खड़े कर चुके हैं।
कॉलेजियम व्यवस्था
क्या होता है कॉलेजियम?
सुप्रीम कोर्ट के पांच सबसे वरिष्ठ जजों के समूह को कॉलेजियम कहा जाता है। यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर पर फैसला लेता है। तय नामों को केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है और राष्ट्रपति इन पर अंतिम मुहर लगाते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 124 (2) में सुप्रीम कोर्ट के जजों की और 217 (1) में हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया तय की गई है।