बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर छिड़ा विवाद क्या है?
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है।
नागपुर की अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें अपने चमत्कारों को सिद्ध करने की चुनौती दी है।
दावा किया जा रहा है कि इस चुनौती के चलते शास्त्री ने अपने कार्यक्रम को जल्दी समाप्त कर दिया था।
आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।
परिचय
कौन हैं पंडित धीरेंद्र शास्त्री?
छतरपुर जिले के गड़ागंज गांव में जन्मे 26 वर्षीय धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम के मौजूदा महंत हैं। उनका शुरूआती जीवन काफी कठिनाइयों में बीता था, जिसके बाद उन्होंने दीक्षा ग्रहण की।
बागेश्वर धाम में भगवान हनुमान की आराधना की जाती है और धीरेंद्र शास्त्री के कथावाचन के आयोजनों की लोकप्रियता के कारण पिछले कुछ समय में धाम काफी प्रसिद्ध और विकसित हो गया है।
धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि उन्हें हनुमान बाबा की सिद्धि प्राप्त है।
जानकारी
काफी मुश्किलों में बीता धीरेंद्र शास्त्री का बचपन
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिसके कारण उनका बचपन काफी मुश्किलों में बीता। कहा जाता है कि उन्हें सिर्फ एक वक्त का भोजन मिल पाता था। उनकी शुरूआती शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई थी।
दावा
लोगों की समस्याओं के समाधान का दावा करते हैं शास्त्री
पंडित धीरेंद्र शास्त्री कथा के दौरान लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करने का दावा करते हैं। दावा किया जाता है कि भूत-प्रेत का साया उतारने से लेकर बीमारी तक का इलाज धीरेंद्र शास्त्री की कथा में होता है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के समर्थक और भक्त दावा करते हैं कि बागेश्वर धाम बाबा किसी भी इंसान को देखते ही उसकी हर तरह की परेशानी जान लेते हैं और उसका समाधान करते हैं।
विवाद
शास्त्री के नागपुर के दौरे पर क्या विवाद हुआ?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हाल ही में महाराष्ट्र के नागपुर में कथावाचन करने के लिए गए थे। वहां पर अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने दावा किया कि शास्त्री जादू-टोने समेत अंधविश्वास की अन्य चीजों को बढ़ावा दे रहे हैं।
समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को चुनौती दी कि अगर वह उनके मंच पर अपनी शक्तियों को सिद्ध करते हुए चमत्कार दिखा देंगे तो उन्हें 30 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।
बयान
अपने ऊपर लगे आरोपों पर क्या बोले शास्त्री?
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि उनके ऊपर आरोप लगाकर सनातन धर्म को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि कि भारत का कोई भी पादरी या मौलवी सनातन धर्म के मंत्रों के आगे नहीं टिक सकता है और उनके खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है।
शास्त्री ने पलटवार करते हुए नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव को उनके दरबार में आने की चुनौती भी दी है।
कानून
क्या कहता है अंधविश्वास के खिलाफ कानून?
अंधविश्वास उन्मूलन समिति ने शास्त्री पर महाराष्ट्र सरकार के मानव बलि और अन्य अमानवीय कृत्य की रोकथाम और उन्मूलन अधिनियम, 2016 के तहत कार्रवाई की मांग की है।
इसके तहत दोषी पाए जाने पर शख्स को छह महीने से लेकर सात वर्ष तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा दोषी पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बता दें कि अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर-जमानती हैं।