दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामले 2014 के मुकाबले तीन गुना हुए- गृह मंत्रालय
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 2021 में रोजाना औसतन 115 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। सरकार ने बताया कि 2021 में देश में आत्महत्या के कुल 1,64,033 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 42,004 दिहाड़ी मजदूर थे। आंकड़ों की मानें तो 2021 में आत्महत्या करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की संख्या 2014 के मुकाबले करीब तीन गुना हो गई है। 2014 में 15,735 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी।
पांच राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामलों में हुई वृद्धि
इंडिया टुडे के मुताबिक, 2014 से 2021 के बीच तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात में आत्महत्या करने वाले दिहाड़ी मजदूरों की संख्या में काफी इजाफा देखा गया। आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में 2014 में 3,880 दिहाड़ी मजदूरों ने खुद की जान ली थी, जबकि 2021 में यह संख्या बढ़कर 7,673 हो गई। वहीं महाराष्ट्र में 2014 और 2021 में क्रमशः 2,239 और 5,270 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की।
अन्य राज्यों में कितने मामले हुए दर्ज?
मध्य प्रदेश में भी दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। 2014 में यहां 1,248 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 4,657 हो गई। तेलंगाना में 2014 और 2021 में क्रमशः 1,242 और 4,223 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। इसी तरह गुजरात में 2014 में 669 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2021 में 3,206 दिहाड़ी मजदूरों ने खुदकुशी की।
उत्तर प्रदेश में 2021 में 482 दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या
आंकड़ों के मुताबिक, देश के सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 2014 में 208 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 482 रहा। बिहार में 2014 में सिर्फ 11 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2021 में राज्य में आत्महत्या के 29 मामले सामने आए। सिक्किम में दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामलों में 2021 में 2014 के मुकाबले मामूली गिरावट देखी गई है।
कांग्रेस सांसद ने पूछा था सवाल
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कांग्रेस सांसद डॉ मोहम्मद जावेद द्वारा पूछे गए प्रश्न का लिखित उत्तर देते हुए लोकसभा में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के ये आंकड़े पेश किए थे। राय ने अपने उत्तर में बताया कि 2021 में 23,179 गृहिणियों, स्वरोजगार से जुड़े 20,231 लोगों, 15,870 वेतनभोगी लोगों, 13,089 विद्यार्थियों, व्यापार से जुड़े 12,055 लोगों, निजी क्षेत्रों से जुड़े 11,431 लोगों और 13,714 बेरोजगारों ने आत्महत्या की।
2021 में 5,318 किसानों ने की आत्महत्या
केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े 10,881 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें से 5,318 किसान रहे। इसके अलावा खेतिहर मजदूरों की सहायता से या उनके बिना अपनी जमीन पर खेती करने वाले 4,806 लोगों और खेतिहर मजदूरों की सहायता से या बिना पट्टे की जमीन पर खेती करने वाले या पट्टे पर दूसरे की जमीन पर काम करने वाले 512 लोगों ने भी आत्महत्या की।