बॉम्बे हाई कोर्ट: जस्टिस शिंदे ने रचा इतिहास, एक दिन में 190 मामलों पर सुनवाई की
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे की प्रशंसा करते हुए कहा कि जस्टिस शिंदे ने एक दिन में 190 मामलों की सुनवाई की। बॉम्बे हाई कोर्ट की एक बेंच जिसमें जस्टिस शिंदे और जस्टिस एमएन जाधव शामिल थे, उन्होंने शुक्रवार सुबह 10:30 बजे अदालत में बैठकर रात 8 बजे तक अपने निर्धारित समय से ज्यादा में 190 मामलों की सुनवाई की। जस्टिस शिंदे की बेंच के पास करीब 206 मामले थे।
कौन है जस्टिस एसएस शिंदे?
61 वर्ष के जस्टिस शिंदे बॉम्बे हाई कोर्ट में 17 मार्च, 2008 से कार्यरत है और वो बॉम्बे हाई कोर्ट के तीसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। वह इस साल जुलाई में रिटायर होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा उनके नाम की सिफारिश राजस्थान उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में की गई है। जस्टिस जाधव भी 23 अगस्त, 2019 से बॉम्बे हाई कोर्ट में जज के पद पर कार्यरत हैं।
जस्टिस शिंदे ने किन हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की?
जस्टिस शिंदे ने पिछले कुछ वर्षों में एल्गार परिषद, रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख और कंगना रनौत के खिलाफ मामलों सहित कई अन्य हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई की है।
आपातकाल स्थिति में अदालतों द्वारा काम करना नया नहीं
किसी भी अदालत का के कार्य का समय सुबह 10:30 बजे से शाम के 04:30 बजे तक का होता है। कुछ साल पहले न्यायमूर्ति एसजे कथावाला, जो हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट से रिटायर हुए है, वे एक बार एक दिन में 122 मामलों की सुनवाई करने के कारण सुर्खियों में आए थे। वह सुबह 10:30 बजे में कोर्ट पहुंचकर रात के 03:30 तक सुनवाई करते रहे थे।
देश में कब-कब खुले आपातकालीन स्थिति में अदालतों के दरवाजे?
07 सितंबर, 2015 को निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली की सुनवाई के लिए रात 1 बजे तक सुप्रीम कोर्ट खुला था। मुंबई हमले 1993 के दोषी याकूब मेनन की फांसी रोकने के लिए भी रात 3:20 बजे सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु की गई थी। 02 फरवरी, 2017 को देह व्यापार के मामले और 2018 में गर्मी की छुट्टी से पहले लंबित मुकदमे निपटाने के लिए अदालतों ने आधी रात तक काम किया। ऐसे और भी बहुत उदाहरण हैं।