तेजस्वी यादव 25 मार्च को CBI के सामने पेश होंगे, एजेंसी ने कहा- गिरफ्तार नहीं करेंगे
क्या है खबर?
नौकरी के बदले जमीन मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को दिल्ली हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।
हाई कोर्ट ने तेजस्वी को 25 मार्च को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सामने पेश होने का आदेश दिया है।
CBI ने कोर्ट में कहा कि वो पूछताछ के बाद तेजस्वी को गिरफ्तार नहीं करेगी। CBI से पेशी के लिए तीन समन मिलने के बाद तेजस्वी ने ये याचिका दायर की थी।
तेजस्वी
हाई कोर्ट में क्या हुआ?
दिल्ली हाई कोर्ट में तेजस्वी की याचिका पर जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने सुनवाई की।
इस दौरान CBI ने कहा, "तेजस्वी को पहले भी समन भेजा गया है। मामले में हमारी चार्जशीट लगभग पूरी है। हम इसी महीने रिपोर्ट पेश करने की तैयारी में है।"
CBI ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह तेजस्वी को गिरफ्तार नहीं करेंगे। इस शर्त पर तेजस्वी ने 25 मार्च को व्यक्तिगत रूप से CBI के सामने पेश होने की बात कही है।
तेजस्वी का आरोप
CBI कानून का उल्लंघन कर रही- तेजस्वी
याचिका पर सुनवाई के दौरान तेजस्वी ने कहा कि CBI उन्हें समन जारी कर दिल्ली में पेश होने के लिए कह रही है, जबकि वे पटना में रहते हैं, ये कानून का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा, "मैं बिहार का उपमुख्यमंत्री हूं। राज्य में बजट सत्र है। मुझे उसमें भाग लेना है। मेरी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं है। फिर भी मुझे यहां एक दिन के लिए आने के लिए कहा जा रहा है।"
समन
CBI तीन बार जारी कर चुकी है समन
इस मामले में CBI तीन बार तेजस्वी को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुला चुकी है, लेकिन वे एक बार भी पेश नहीं हुए।
आखिरी बार जब उन्हें पेशी के लिए बुलाया गया था, तो उन्होंने पत्नी के गर्भवती होने और खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पेश होने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने CBI समन के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
छापा
यादव परिवार के ठिकानों पर छापे में मिली थी एक करोड़ रुपये की नगदी
11 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर समेत 24 जगहों पर छापा मारा था।
एजेंसी ने बताया था कि इस छापे में यादव परिवार के ठिकानों से एक करोड़ रुपये की नकदी, 1,900 अमेरिकी डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम से अधिक सोने के आभूषण बरामद हुए थे। इन आभूषणों की कीमत लगभग 1.25 करोड़ रुपये बताई गई थी।
टाइमलाइन
जमीन के बदले नौकरी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
CBI ने मई 2022 में इस मामले में FIR दर्ज की थी और अक्टूबर में आरोप पत्र दाखिल किया गया। 6 मार्च 2022 को CBI ने राबड़ी देवी से पूछताछ की और अगले ही दिन लालू प्रसाद यादव से भी पूछताछ हुई।
10 मार्च को ED ने लालू के बेटे-बेटियों के घर समेत 24 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। 15 मार्च को लालू दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए जहां उन्हें जमानत दे दी गई।
मामला
क्या है तेजस्वी के खिलाफ मामला?
मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है। इस दौरान लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में कथित तौर पर ग्रुप-डी में नौकरी के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली थी।
इस मामले में CBI ने पिछले साल अक्टूबर में आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 13 अन्य लोगों को आरोपी बनाया है।