
बिहार: सुशील मोदी का आरोप- NDA विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे लालू प्रसाद यादव
क्या है खबर?
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं ताकि नीतीश कुमार की सरकार गिराकर महागठबंधन की सरकार बनाई जा सके।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट कर ये आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसमें एक मोबाइल नंबर भी शेयर किया है, जिसे लेकर उनका दावा है कि यह नंबर जेल में बंद लालू प्रसाद यादव का है।
आरोप
NDA विधायकों को मंत्री पद का लालच दे रहे लालू- सुशील मोदी
सुशील मोदी ने ट्विटर पर एक मोबाइल नंबर शेयर करते हुए लिखा, 'लालू यादव रांची से NDA के विधायकों को फोन कर मंत्री पद देने का वादा कर रहे हैं। जब मैंने इस नंबर पर फोन किया तो लालू प्रसाद यादव ने उठाया। मैंने कहा कि जेल से ऐसी गंदी हरकतें मत करो। आपको कामयाबी नहीं मिलेगी।'
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाले के मामले में रांची जेल में अपनी सजा काट रहे हैं।
बिहार
विधानसभा स्पीकर के चुनाव से पहले सामने आए आरोप
सुशील मोदी के ये आरोप विधानसभा स्पीकर के चुनाव से एक दिन पहले सामने आए हैं।
दरअसल, मंगलवार को बिहार में नवगठित विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए NDA और विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे।
51 साल बाद ऐसा होने जा रहा है, जब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव मतदान के जरिये होगा। अब तक ध्वनिमत के जरिये ही बिहार विधानसभा अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया पूरी की जाती रही है।
विधानसभा स्पीकर
NDA ने वीके सिन्हा तो महागठबंधन ने अवध बिहारी चौधरी को बनाया उम्मीदवार
NDA ने लखीसराय से भाजपा विधायक विजय कुमार सिन्हा को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया है तो महागठबंधन ने उनके खिलाफ सिवान से राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी को मैदान में उतार दिया है।
विधानसभा में सीटों की बात करें तो NDA के पास 125 विधायक हैं वहीं महागठबंधन के पास 110 विधायकों का समर्थन है।
स्पीकर पद पर उम्मीदवार उतारकर तेजस्वी यादव सदन में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहते हैं।
प्रतिक्रिया
परंपरा तोड़ने के आरोपों पर क्या बोले तेजस्वी?
विधानसभा के अध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति से किए जाने की परंपरा तोड़ने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जहां तक परंपरा का सवाल है तो पिछले सदन में विपक्ष ने सरकार और तत्कालीन सदन के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी से उपाध्यक्ष पद की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई सुनवाई और कार्रवाई नहीं की गयी थी।
माना जा रहा है कि महागठबंधन विधानसभा में मत विभाजन और गुप्त मतदान कराने के लिए दबाव बनाएगा।