मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बैंक खाते फ्रीज करने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची वीवो इंडिया
क्या है खबर?
चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी वीवो की भारतीय शाखा वीवो मोबाइल इंडिया ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा फ्रीज किए गए उसके बैंक खातों के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है।
कंपनी ने व्यापार को देखते हुए मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की है और हाई कोर्ट ने भी याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए सहमति दे दी है।
ऐसे में कंपनी की याचिका पर आज ही सुनवाई होने की संभावना है।
दलील
कंपनी ने याचिका में क्या दी है दलील?
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा के जरिए दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कंपनी ने तर्क दिया है कि भारत में उसके 9,000 से अधिक कर्मचारी है और उनके वेतन भत्तों का ध्यान रखना कंपनी का दायित्व है।
इसी तरह बैंक खातों को फ्रीज करने से उसका न केवल भारत में व्यापार प्रभावित होगा, बल्कि दुनिया भर के लोगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में व्यापार के कुशल संचालन के लिए बैंक खातों से सख्ती हटानी चाहिए।
परेशानी
खाते फ्रीज होने से भुगतान करने में आ रही परेशानी
कंपनी ने याचिका में कहा कि यदि कंपनी के बैंक खातों में पड़ी राशि को फ्रीज किया जाता है तो यह विभिन्न अधिनियमों के तहत सक्षम अधिकारियों को वैधानिक बकाया का भुगतान नहीं कर पाएगी।
इससे कंपनी के भारतीय कानूनों का और अधिक उल्लंघन होने का खतरा बना हुआ है।
कंपनी ने कहा कि ED की कार्रवाई ने कंपनी के हजारों कर्मचारियों के वेतन को भी प्रभावित कर दिया है। इससे उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।
आरोप
कंपनी पर है 62,476 करोड़ रुपये विदेश भेजने का आरोप
ED ने गुरुवार को कहा था कि वीवो मोबाइल इंडिया ने यहां पर कर देनदारी से बचने के लिए अपने कुल कारोबार का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा यानी 62,476 करोड़ रुपये अवैध रूप से विदेशों में भेज दिए।
एजेंसी ने कहा कि वीवो इंडिया ने इस राशि में एक बड़ा हिस्सा अकेले चीन में भेजा गया है। यह कंपनी की ओर से टैक्स चोरी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के प्रावधानों के उल्लंघन का गंभीर मामला है।
कार्रवाई
ED ने मंगलवार को की थी कंपनी के 44 ठिकानों पर छापेमारी
बता दें कि ED ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीवो और उससे जुड़ी फर्मों के 44 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में स्थित कंपनी के ठिकानों पर की गई थी।
उस दौरान ED ने कंपनी के बैंक खातों में जमा 465 करोड़ रुपये जब्त किए थे। इसके अलावा 73 लाख रुपये की नकदी और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई थी।
आरोप
रॉयल्टी के नाम पर पैसों की हेराफेरी का भी है आरोप
पिछले साल दिसंबर में भी आयकर विभाग ने वीवो और अन्य चीनी मोबाइल फोन निर्माताओं के परिसरों पर छापेमारी की थी।
आयकर विभाग ने आरोप लगाया था कि कंपनियों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय की गलत घोषणा की थी।
इसके अलावा आरोप था कपंनियों की ओर से रॉयल्टी के नाम पर पैसों की हेराफेरी की जा रही है। उसके बाद से ही वीवो और उससे जुड़ी कंपनियां ED के निशाने पर आ गई थी।