चंदा कोचर और उनके पति को CBI हिरासत में भेजा गया, क्या है मामला?
क्या है खबर?
ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर सोमवार तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में रहेंगे। शनिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत ने CBI को कोचर दंपति की तीन दिन की हिरासत दे दी है। इन्हें शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था।
ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक पर वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को दिए गए लोन में कथित धोखाधड़ी और अनियमितता के आरोप लगे हैं।
पृष्ठभूमि
क्या था मामला?
यह मामला साल 2016 का है, जब ICICI बैंक और वीडियोकॉन के बीच हुए वित्तीय लेनदेन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरूण जेटली और कई जांच एजेंसियों को एक चिट्ठी लिखी गई थी।
यह चिट्ठी अरविंद गुप्ता नाम के एक शख्स ने लिखी थी, जो वीडियोकॉन समूह में एक निवेशक था। इसका खुलासा बाद में हुआ। फिर मामले की जांच पड़ताल शुरू हुई और वित्तीय लेन-देन में हुई गड़बड़ी के आरोप जांच में सही पाए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स
2018 में सुर्खियों में आया वीडियोकॉन लोन मामला
यह मामला साल 2018 में सुर्खियों में आया, जब इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें दावा किया गया कि वीडियोकॉन ग्रुप की पांच कंपनियों को ICICI बैंक ने अप्रैल 2012 में 3,250 करोड़ रुपये का लोन दिया।
यह लोन नॉन परफोर्मिंग एसेट्स (NPA) बनते गये। NPA का मतलब ऐसे लोन से है, जिसका लौटा पाना किसी कंपनी के लिए मुश्किल हो। इसके बावजूद बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को लोन देने का क्रम जारी रहा।
जांच
CBI ने वीडियोकॉन लोन मामले में 2019 में दर्ज की थी FIR
साल 2018 में ICICI बैंक ने इन सभी आरोपों की जांच कराने का फैसला किया और इस मामले की स्वतंत्र जांच की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएन श्रीकृष्णा को सौंपी गई।
इसी बीच 4 अक्टूबर, 2018 को चंदा ने अपने पद से इस्तीफ देना पड़ा। साल 2019 के जनवरी में यह जांच पूरी हुई और चंदा कोचर को दोषी पाया गया। अप्रैल, 2019 में CBI ने इस केस को अपने हाथ में लिया और FIR दर्ज की।
आर्थिक लाभ
CEO पद का चंदा कोचर ने किया दुरुपयोग- आरोप
CBI ने इस मामले में आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम से संबंधित IPC की तमाम धाराओं के तहत FIR दर्ज की।
इसमें चंदा कोचर, उनके पति और वेणुगोपाल धूत सहित वीडियोकॉन समूह की अन्य कंपनियों के नाम शामिल हैं।
वीडियोकॉन समूह को लोन देने के छह महीने बाद वेणुगोपाल धूत के स्वामित्व वाली मेसर्स सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यू पावर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ का लोन दिया, जिसमें दीपक कोचर (चंदा कोचर के पति) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
कार्रवाई
वीडियोकॉन लोन मामले में अब तक हुई कार्रवाई
साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर और उनके परिवार की 78 करोड़ की संपत्ति जब्त की।
5 मार्च, 2020 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने चंदा कोचर की बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की।
8 सितंबर, 2020 को ED ने दीपक कोचर को गिरफ्तार किया।
4 नवंबर, 2020 को ED ने चंदा कोचर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
मार्च, 2021 को दीपक को जमानत मिली।
23 दिसंबर, 2022 को CBI ने कोचर दंपति को गिरफ्तार किया।
प्रोफाइल
कौन है चंदा कोचर?
चंदा कोचर पेशे से एक बैंकर हैं और 2009 में उन्हें ICICI बैंक का CEO बनाया गया था। यह किसी भारतीय महिला के लिए बैंकिंग सेक्टर में अभूतपूर्व उपलब्धि थी। टाइम्स पत्रिका ने भी चंदा कोचर को विश्व की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल किया था।
देश के टॉप कॉरपोरेट एग्जीक्यूटिव्स और लीडर्स में चंदा कोचर शुमार थीं। 2011 में इन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानित भी किया था।