तेजस्वी यादव आज CBI के सामने पेश नहीं होंगे, बोले- पत्नी बीमार है, अस्पताल में हूं
नौकरी के बदले कथित तौर पर जमीन मांगने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को आज पेश होने को कहा है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने अपनी पत्नी की तबीयत का हवाला देकर पेश होने में असर्थता जताई है। एक दिन पहले ही इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू यादव के बेटे-बेटियों के घर समेत RJD के करीबी नेताओं पर छापा मारा था।
तेजस्वी यादव ने पेशी के लिए मांगा वक्त
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेजस्वी यादव ने आज CBI के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे उन्होंने अपनी पत्नी के खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। दरअसल, ED के छापे के बाद उनकी पत्नी को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह गर्भवती हैं और 12 घंटे की पूछताछ के बाद उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया था, जिससे वे बेहोश हो गई थीं।
10 मार्च को ED ने मारा था तेजस्वी के घर पर छापा
इस मामले में ED ने 10 मार्च को तेजस्वी यादव के घर पर छापा मारा था। लालू यादव की तीन बेटियों के घर समेत दिल्ली, मुंबई और पटना में 24 जगहों पर एक साथ कार्रवाई की गई थी। इससे पहले CBI राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव से उनकी बेटी मीसा भारती के दिल्ली स्थित घर पर पूछताछ कर चुकी है। वहीं, लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी से भी पूछताछ की गई थी।
तेजस्वी ने बताया राजनीतिक साजिश
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके परिवार पर CBI की कार्रवाई इसलिए हो रही है, क्योंकि वे भाजपा का निरंतर विरोध करते हैं। बिहार विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा था, "यह एक खुला रहस्य है कि जांच एजेंसियां भाजपा के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं और उन लोगों की मदद कर रही हैं जो उस पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए सहमत हैं।"
लालू यादव, राबड़ी देवी समेत 13 लोग हैं आरोपी
CBI ने इस मामले में पिछले साल अक्टूबर में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती समेत 13 अन्य लोगों के नाम हैं। CBI ने आरोप लगाया है कि नौकरी के बदले यादव परिवार ने जमीन ली थी। इस जमीन को कम दामों में अधिग्रहित किया गया और उम्मीदवारों ने नौकरी के लिए रेल मंत्रालय को फर्जी कागजात दिए। उम्मीदवारों को 3 दिन में नौकरी दे दी गई।
क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि लालू यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में कथित तौर पर ग्रुप-डी में नौकरी के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली थी। ये नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में दी गईं। इसके बदले लालू यादव ने अपने और परिवार के लोगों के नाम पर जमीन ली। मामले में CBI ने लालू यादव, राबड़ी देवी समेत 14 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।