एस जयशंकर बोले- सैन्य आकलन में चीन के साथ भारत के संबंध 'खतरनाक और नाजुक'
क्या है खबर?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि लद्दाख के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में भारत और चीन के बीच स्थिति नाजुक और खतरनाक है और कुछ हिस्सों में सैन्य बल एक-दूसरे के बहुत करीब तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सभी मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता।
विदेश मंत्री ने ये बात इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में कही।
बयान
चुनौतीपूर्ण चरण में भारत-चीन संबंध- जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा कि हिमालयी सीमा पर और अरुणाचल प्रदेश में LAC पर भारत-चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण द्विपक्षीय संबंध 'चुनौतीपूर्ण और असामान्य चरण' में प्रवेश कर गए थे।
उन्होंने कहा, "हालांकि, दोनों पक्षों ने पीछे हटने की दिशा में पर्याप्त प्रगति की है। LAC में कई जगहों पर सैनिकों की संख्या कम करने के लिए भी चर्चा चल रही है, लेकिन सैन्य आकलन के अनुसार स्थिति नाजुक और खतरनाक बनी हुई है।"
चीन
विदेश मंत्री बोले- चीन को आगे रहकर सुलझाना होगा सीमा विवाद
जयशंकर ने कहा, "जब मैं वांग यी (चीन के पूर्व विदेश मंत्री) से मिला, तो हम समझ गए कि सीमा संकट को कैसे हल किया जाए। अब मैं नए विदेश मंत्री किन गैंग से मिला हूं। मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम शांति भंग कर इस तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे सकते जैसे कुछ हुआ ही न हो।"
उन्होंने आगे कहा, "चीन को आगे बढ़ने के लिए सीमा की स्थिति को सुलझाना ही होगा।"
राहुल गांधी
राहुल गांधी के लंदन में दिए भाषण पर भी बोले विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में राहुल गांधी की चीन वाली टिप्पणी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती पर जाकर चीन का तारीफ की और भारत को कमतर दिखाने की कोशिश की।
उन्होंने कैंब्रिज में राहुल गांधी की चीन पर टिप्पणियों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि एक भारतीय होने के नाते उन्हें बेहद दुख होता है, जब कोई भारत को खारिज करते हुए चीन की प्रशंसा करता है।
भारत-चीन संबंध
2020 से है भारत-चीन संबंधों में तनाव
भारत और चीन के बीच संबंध 2020 से ही तनावपूर्ण हैं। जून, 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसा के बाद द्विपीक्षीय संबंध और खराब हो गए।
हालांकि, दोनों देश सीमा से सैनिकों को पीछे हटाने के लिए राजी हुए हैं, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।
दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। इस बीच दिसंबर, 2022 में तवांग में फिर से दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे।