
बनाया जा रहा इंसानों को जन्म देने वाला विशेष रोबोट, कैसे करेगा यह काम?
क्या है खबर?
चीन की ग्वांगझोउ स्थित काइवा टेक्नोलॉजी नामक कंपनी एक अनोखी पहल करते हुए मानवरूपी गर्भधारण रोबोट की योजना पर काम कर रही है। कंपनी का दावा है कि यह मशीन भविष्य में आर्टिफिशियल गर्भाशय की मदद से भ्रूण को 9 महीने तक धारण कर बच्चे को जन्म दे सकती है। परियोजना का नेतृत्व डॉ. झांग किफेंग कर रहे हैं, जो नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से भी जुड़े हैं। कंपनी का लक्ष्य है कि इसका प्रोटोटाइप 2026 तक लॉन्च किया जाए।
प्रक्रिया
आर्टिफिशियल गर्भाशय और प्रक्रिया
इस तकनीक का मुख्य आधार एक आर्टिफिशियल गर्भाशय है, जिसमें भ्रूण आर्टिफिशियल एमनियोटिक द्रव में विकसित होगा। पोषण की आपूर्ति एक विशेष नली के माध्यम से की जाएगी, ठीक उसी तरह जैसे प्राकृतिक गर्भावस्था में गर्भनाल से होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि प्रयोगशाला स्तर पर यह तकनीक परिपक्व हो चुकी है। अब इसे मानवरूपी रोबोट में प्रत्यारोपित करने पर काम चल रहा है, जिससे वास्तविक मानव-रोबोट संपर्क संभव हो सके।
लागत
प्रोटोटाइप और लागत
डॉ. झांग के मुताबिक गर्भधारण रोबोट का प्रोटोटाइप एक साल के भीतर तैयार हो सकता है। इसकी अनुमानित कीमत करीब 1 लाख युआन (करीब 12 लाख रुपये) रखी गई है। रोबोट को खासतौर पर उन लोगों के लिए विकल्प बताया जा रहा है, जो प्राकृतिक गर्भधारण से जुड़े शारीरिक बोझ या जटिलताओं से बचना चाहते हैं। कंपनी ने ग्वांगडोंग प्रांत के अधिकारियों के साथ इस तकनीक से जुड़े कानूनी और नीतिगत पहलुओं पर भी चर्चा शुरू कर दी है।
बहस
इस तकनीक को लेकर हो रही बहस
यह अवधारणा कई सवालों और बहसों को जन्म दे रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह तकनीक बांझपन से जूझ रहे दंपत्तियों के लिए उम्मीद बन सकती है, लेकिन मातृ-शिशु बंधन और बच्चों के मानसिक विकास पर असर को लेकर चिंताएं भी हैं। 2017 में आर्टिफिशियल गर्भ में मेमनों पर सफल प्रयोग किए जा चुके हैं, लेकिन मानव स्तर पर यह अभी शुरुआती चरण में है। नैतिक, वैज्ञानिक और कानूनी चुनौतियां इस परियोजना के भविष्य को तय करेंगी।