UK का कोविशील्ड को मान्यता नहीं देना भेदभावपूर्ण, करेंगे पारस्परिक उपाय- सरकार
यूनाइटेड किंगडम (UK) की ओर से कोरोना यात्रा नियमों में किए गए बदलाव ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। UK सरकार ने 4 अक्टूबर से लागू होने वाले नए यात्रा नियमों में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों को यात्रा की अनुमति दी है, लेकिन उसने सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' को मान्यता नहीं दी है। इसको लेकर भारत सरकार ने कहा है कि UK का निर्णय भेदभावपूर्ण है और भारत भी इसके लिए पारस्परिक उपाय करेगा।
UK में कोविशील्ड लगवाकर जाने वालों को रहना होगा क्वारंटाइन
बता दें UK सरकार ने कोरोना यात्रा प्रतिबंधों को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है। यह 4 अक्टूबर से लागू होगी। इसके अनुसार, ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका, फाइजर और मॉडर्ना जैसी दोहरी खुराक वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वालों को 'फुली वैक्सीनेटेड' माना जाएगा और वह UK की यात्रा कर सकेंगे, लेकिन कोविशील्ड को इस श्रेणी में नहीं रखा गया है। ऐसे में अब भारत से जाने वाले लोगों को वहां 10 दिन के लिए क्वारंटाइन रहना होगा।
ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को मंजूरी देने से हुआ विवाद
UK सरकार की ओर से ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को अनुमति देने और कोविशील्ड को अनुमति नहीं देने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, कोविशील्ड को भी ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है। इसके बाद भी उसे अनुमति नहीं देना सबसे बड़ा सवाल है। इसको लेकर भारत ने भी कड़ा विरोध जताया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मसले पर ब्रिटिश सरकार से बात विस्तार से वार्ता की है।
कोविशील्ड की मान्यता नहीं देना एक भेदभावपूर्ण नीति- श्रृंगला
NDTV के अनुसार, इस मामले में भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, "ब्रिटेन सरकार का कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने का फैसला "भेदभावपूर्ण" है और अगर इस मामले को सुलझाया नहीं जाता है तो यह हमारे "पारस्परिक उपाय करने के अधिकार" के भीतर है।" उन्होंने आगे कहा, "कोविशील्ड की गैर-मान्यता एक भेदभावपूर्ण नीति है और यह UK की यात्रा करने वाले हमारे भारतीय नागरिकों को खासी प्रभावित करती है।"
विदेश मंत्री ने मजबूती के साथ उठाया है मुद्दा- श्रृंगला
श्रृंगला ने कहा, "भारत के विदेश मंत्री ने ब्रिटेन के नए विदेश सचिव के समक्ष इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है। मुझे बताया गया है कि कुछ आश्वासन दिए गए हैं कि इस मुद्दे को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।" विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 76वें सत्र में ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस के साथ मामले पर चर्चा की है। उन्होंने ट्रस से आपसी हित में क्वारंटाइन मुद्देे के जल्द समाधान का आग्रह किया है।
भारत साथ मामले पर की जा रही है चर्चा- प्रवक्ता
इससे पहले, ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा कि वह भारतीय प्राधिकारियों द्वारा जारी कोरोना रोधी वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र की स्वीकार्यता को विस्तार देने पर भारत के साथ चर्चा कर रही है। 4 अक्टूबर से लागू होने वाले नियमों को लेकर भारत में चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इस मुद्दे पर भारत से बातचीत कर रहा है और जितनी जल्दी संभव हो सके अंतरराष्ट्रीय यात्रा को फिर से खोलने के प्रति प्रतिबद्ध है।