
कैसे पद से हटाए जा सकते हैं मुख्य चुनाव आयुक्त और क्या होती है इसकी प्रक्रिया?
क्या है खबर?
INDIA गठबंधन ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान और 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। आयोग ने सोमवार (17 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इस बीच खबर है कि INDIA मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को पद हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रहा है। आइए CEC को हटाने की पूरी प्रक्रिया पर नजर डालते हैं।
प्रकरण
क्या है पूरा मामला?
7 अगस्त को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर कई आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव चोरी किया गया था और राज्य में 40 लाख संदिग्ध मतदाता हैं। राहुल ने बेंगलुरु मध्य की एक सीट के हवाले से कहा कि वहां पर एक लाख वोटों की चोरी हुई। उन्होंने 'वोट चोरी' के 5 तरीके भी बताए थे। उस दौरान उन्होंने एक ही पते पर कई मतदाता के सबूत भी पेश किए थे।
जवाब
चुनाव आयोग ने खारिज किए सभी आरोप
आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोप खारिज कर दिए। CEC ज्ञानेश ने आरोपों पर कहा, "या तो हलफनामा देना होगा या देश से माफी मांगनी होगी। कोई तीसरा विकल्प नहीं है। अगर 7 दिनों के भीतर हलफनामा नहीं मिलता है, तो इसका मतलब है कि ये सभी आरोप निराधार हैं।" उन्होंने कहा, "दोहरे मतदान के आरोपों पर कोई सबूत नहीं दिया गया। ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग और न ही कोई मतदाता डरता है।"
अपमान
आयोग ने 'वोट चोरी' के आरोपों को बताया संविधान का अपमान
CEC ज्ञानेश ने 'वोट चोरी' के आरोपों को संविधान का अपमान बताते हुए कहा कि वोट चोरी जैसे शब्द लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा, "जब चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के मतदाताओं को निशाना बनाकर राजनीति की जा रही है, तो आयोग सभी को स्पष्ट कर देना चाहता है कि वह भी निर्भय होकर देश के हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा था, खड़ा है और आगे भी खड़ा रहेगा।"
तैयारी
विपक्ष ने की CEC के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी
आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब INDIA गठबंधन ने CEC ज्ञानेश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। गठबंधन का आरोप है कि चुनाव आयोग चुनावी अखंडता को कमजोर कर रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा' "जरूरत पड़ी तो हम लोकतंत्र के तहत उपलब्ध सभी हथियारों का इस्तेमाल करेंगे। महाभियोग पर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम कुछ भी कर सकते हैं।"
जानकारी
ये पार्टियां भी हो सकती हैं शामिल
सूत्रों के मुताबिक, महाभियोग के प्रस्ताव में INDIA गठबंधन को ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS) और YSR कांग्रेस का भी समर्थन मिल सकता है क्योंकि इन्होंने भी आयोग को मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत की थी।
तरीका
कैसे पद से हटाए जा सकते हैं CEC?
भारतीय संविधान में CEC और चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया स्पष्ट है। अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग को स्वतंत्र संस्था का दर्जा दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार, CEC को पद हटाने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के समान ही है। इसका मतलब है कि उन्हें केवल महाभियोग के जरिये ही हटाया जा सकता है। CEC को हटाने का आधार 'सिद्ध कदाचार या अक्षमता' है।
प्रक्रिया
क्या है महाभियोग की प्रक्रिया?
CEC को उनके पद से हटाने के लिए लोकसभा या राज्यसभा यानी दोनों में से किसी एक सदन में प्रस्ताव लाया जा सकता है। इस प्रस्ताव का सदन में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से पारित होना आवश्यक है। इसके बाद प्रस्ताव दूसरे सदन में जाएगा और वहां भी दो-तिहाई बहुमत से पारित कराना अनिवार्य है। दोनों सदनों से महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद ही राष्ट्रपति CEC को हटाने का आदेश जारी कर सकते हैं।
सवाल
क्या INDIA गठबंधन के लिए आसान है महाभियोग प्रस्ताव लाना?
व्यवहारिक रूप से देखा जाए तो किसी मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाना बेहद कठिन प्रक्रिया है, क्योंकि इसके लिए संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत की आवश्यकता होती है। संसद के मौजूदा संख्याबल को देखते हुए विपक्ष के लिए इतना समर्थन जुटाना आसान नहीं होगा। शायद यही वजह है कि विपक्षी दल भी अभी CEC के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने पर खुलकर बोलने से बच रहा है। हालांकि, उसके नेता इसकी धमकी जरूर दे रहे हैं।