लद्दाख से प्रधानमंत्री मोदी का चीन पर निशाना, कही ये बड़ी बातें
चीन के साथ तनाव के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के लेह पहुंचे और यहां निमू में उन्होंने सैनिकों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि गलवान में हमारे सैनिकों ने जो बहादुरी दिखाई उससे पूरी दुनिया को संदेश गया है और आपकी भुजाएं चट्टानों जैसी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश को जवानों पर अटूट विश्वास है। उन्होंने कहा कि कमजोर कभी शांति नहीं ला सकता और वीरता ही शांति की पहली शर्त होती है।
जवानों से बोले प्रधानमंत्री मोदी- मां भारती के प्रति आपका समर्पण अतुलनीय
प्रधानमंत्री ने कहा, "आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है... आपका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता। आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं। आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसे आप रोज अपने कदमों से नापते हैं। आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छाशक्ति आसपास के पर्वतों की तरह अटल है।"
"आपने जो वीरता दिखाई, उससे पूरी दुनिया में संदेश गया"
प्रधानमंत्री आगे बोले, "जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है।" उन्होंने आगे कहा, "अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संकेत दिया है कि भारत की ताकत क्या है... मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं। आपका अभिनंदन करता हूं।"
"हर चोटी, हर पहाड़, हर जर्रा-जर्रा देते हैं सैनिकों के पराक्रम की गवाही"
गलवान घाटी के शहीदों को फिर से दी श्रद्धांजलि
गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को फिर से याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को आज पुन: श्रद्धांजलि देता हूं... उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी उनका जयकारा कर रही है... 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ हैं। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।"
लद्दाख भारत का मस्तक- प्रधानमंत्री
लद्दाख के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है, 130 करोड़ भारतीयों के मान-सम्मान का प्रतीक है, ये भूमि भारत के लिए सब कुछ त्याग करने के लिए तैयार रहने वाले राष्ट्रभक्तों की धरती है।"
"निर्बल शांति की पहल नहीं कर सकता"
प्रधानंमत्री ने आगे कहा, "राष्ट्र, दुनिया और मानवता की प्रगति के लिए शांति और मित्रता हर कोई स्वीकार करता है। लेकिन हम ये भी जानते हैं कि शांति निर्बल कभी नहीं ला सकता। कमजोर शांति की पहल नहीं कर सकता। वीरता ही शांति की पूर्व शर्त होती है। भारत आज जल, थल, नव और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है तो उसके पीछे का लक्ष्य मानव कल्याण है। भारत आज आधुनिक अस्त्र-शस्त्र का निर्माण कर रहा है।"
हम बांसुरीधारी कृष्ण की भी पूजा करते हैं, सुदर्शनधारी कृष्ण की भी- मोदी
बिना नाम लिए चीन पर हमला, कहा- विस्तारवाद का युग समाप्त
बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, " विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है। ये युग विकासवाद का है... बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया. मानवता का विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हो जाए तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने के लिए मजबूर हो गई हैं।"
राष्ट्र सुरक्षा पर निर्णय़ से पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं- मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "जब-जब मैं राष्ट्र सुरक्षा से जुड़े किसी निर्णय के बारे में सोचता हूं तो मैं सबसे पहले दो माताओं का स्मरण करता हूं- पहली हम सभी की भारत माता, दूसरी वो वीर माताएं जिन्होंने आप जैसे पराक्रमी योद्धाओं को जन्म दिया है... आधुनिक हथियार हो या जरूरी साजो-सामान, इन सभी पर हम बहुत ध्यान देते रहे हैं। बॉर्डर इंफ्रस्ट्रक्चर पर खर्च करीब-करीब तीन गुना कर दिया गया है। आपके पास सामान जल्दी से पहुंचता है।"
आपके सपनों का भारत बनाएंगे- प्रधानमंत्री मोदी
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, "देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया, वो पराक्रम की पराकाष्ठा है। देश को आप पर गर्व है, आप पर नाज है।" उन्होंने ITBP, BSF और अन्य संगठनों के जवानों और इंजीनियरों के कार्य के भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "आज आप सभी की मेहनत से देश अनेक आपदाओं से एक साथ और पूरी दृढ़ता से लड़ रहा है... हम आपके सपनों का भारत बनाएंगे।"