लद्दाख की पेंगोंग झील में चीन से मुकाबला करने के लिए शक्तिशाली बोट भेजेगी भारतीय नौसेना
भारतीय नौसेना अपनी कुछ दमदार स्टील बोटों को लद्दाख भेजने जा रही है ताकि वे पेंगोंग झील में 928-बी टाइप चीनी जहाजों का मुकाबला कर सकें। ये बोट पहले से तैनात बोटों से अधिक शक्तिशाली और क्षमता वाली होंगी और इनमें निगरानी की उच्च तकनीक है। बता दें कि भारत और चीन के बीच अस्थाई सीमा के तौर पर काम करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पेंगोंग झील से होकर गुजरती है और यहां दोनों देशों के बीच विवाद है।
तीनों सेनाओं की बैठक में लिया गया फैसला
स्टील बोटों को लद्दाख भेजने का फैसला इस हफ्ते तीनों सेनाओं की हुई बैठक में लिया गया। नौसेना को भारी सामानों को ले जाने वाले C-17 वाहनों के जरिए जल्द से जल्द लेह ले जाया जाएगा। बड़ी बोटों को विमानों के जरिए LAC पर पहुंचाने में कई दिक्कतें हैं और सेना और नौसेना साथ मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रही हैं। नई बोटों के पहुंचने से चीन को सख्त संदेश जाने की उम्मीद है।
चार जगहों पर आमने-सामने हैं भारत और चीन की सेनाएं
बता दें कि LAC पर कम से कम चार जगहों पर भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं। गलवान घाटी, देपसांग और पेंगोंग झील के पास फिंगर्स एरिया में तो चीनी सैनिक भारत की सीमा के अंदर दाखिल हो गए हैं। चीन एक तरफ अपने सेना को पीछे हटाने और सीमा पर शांति बनाए रखने की बात कह रहा है, वहीं दूसरी तरफ सभी इलाकों में अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा रहा है।
चीन के दोहरे रवैये के कारण भारतीय सेनाएं चौंकन्नी
चीन के इसी दोहरे रवैये को देखते हुए भारतीय सेना भी चौंकन्नी है और वह युद्ध जैसी परिस्थितियों के हिसाब से तैयारी कर रही है। सेना ने LAC पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है और चीन के खतरे से निपटने के लिए T-90 टैंक भी LAC पर भेजे हैं। वायुसेना भी अलर्ट पर है और अटैक हेलीकॉप्टर्स और ड्रोन की मदद से चीन पर नजर रखे हुए है। अंडमान से लेकर अरब की खाड़ी तक नौसेना भी मुस्तैद है।
12 घंटे चला सैन्य बातचीत का तीसरा दौर
केंद्र सरकार की ओर से सेनाओं को चीन की किसी भी आक्रामक गतिविधि के खिलाफ खुलकर कार्रवाई करने की छूट दी गई है। हालांकि भारत विवाद को सुलझाने और पूर्वी लद्दाख में मई से पहले की यथास्थिति बनाने के लिए बातचीत का रास्ता भी अपना रहा है। दोनों देशों के बीच सैन्य बातचीत हो रही है और मंगलवार को सैन्य अधिकारियों के बीच हुई बैठक 12 घंटे तक चली। इसमें सेनाओं के पीछे हटने के प्लान पर चर्चा हुई।
5 मई से है LAC पर तनाव
गौरतलब है कि LAC पर तनाव की ये स्थिति 5 मई से ही बनी हुई है और 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो चुके हैं। चीन के भी कई जवान मारे गए थे।