
स्पूतनिक-V का उत्पादन करना चाहती है सीरम इंस्टीट्यूट, मंजूरी के लिए किया आवेदन
क्या है खबर?
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से रूस में विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V बनाने की अनुमति मांगी है।
सूत्रों के हवाले से आ रही जानकारी के अनुसार, SII ने बुधवार को इस संबंध में DCGI के पास आवेदन जमा किया था।
बता दें कि हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने भारत में इसका ट्रायल किया था और वह अगस्त से स्पूतनिक-V का उत्पादन भी शुरू करने वाली है।
जानकारी
SII कर रही कोविशील्ड का उत्पादन
अगर सीरम इंस्टीट्यूट को भारत में स्पूतनिक-V के उत्पादन की मंजूरी मिलती है तो यह वैक्सीनेशन अभियान के लिए अहम कदम होगा। वैक्सीन उत्पादन के मामले में सीरम इंस्टीट्यूट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
अगर कंपनी स्पूतनिक-V का उत्पादन करती है तो यह सीरम इंस्टीट्यूट में बनने वाली तीसरी कोरोना वायरस वैक्सीन होगी।
SII पहले से ही एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है और कुछ ही दिनों में नोवावैक्स की कोवावैक्स वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगी।
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जून में कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी SII
SII ने भारत सरकार को बताया है कि वह जून में कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। देश के वैक्सीनेशन अभियान में कोविशील्ड ही प्रमुखता से इस्तेमाल हो रही है। वहीं कोवावैक्स के लिए इसे अमेरिका से नियामकीय मंजूरी मिलनी अभी बाकी है।
कोरोना वैक्सीन
अप्रैल में स्पूतनिक-V को मिली थी मंजूरी
स्पूतनिक-V को 13 अप्रैल को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। भारत इसे हरी झंडी दिखाने वाला 60वां देश था। यह अब तक सर्वाधिक मंजूरी पाने वाली दूसरी वैक्सीन है।
इस वैक्सीन को सामान्य जुकाम करने वाले मानव एडिनोवायरस में जेनेटिक बदलाव करके तैयार किया गया है।
कई देशों में हुए ट्रायल्स में स्पूतनिक-V को 91.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था और यह कोरोना की सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीनों में शुमार है।
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अगस्त से शुरू होगा बड़े स्तर पर उत्पादन
माना जा रहा है कि अगस्त में डॉ रेड्डीज लैब बड़े स्तर पर स्पूतनिक-V का उत्पादन शुरू कर देगी।
उससे पहले रूस से इसका आयात किया जा रहा है। 1 मई को इसकी पहली खेप हैदराबाद पहुंची थी और इसका इस्तेमाल भी शुरू हो गया।
अभी रूस से आयात की जा रही स्पूतनिक-V की कीमत 995 प्रति खुराक है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि भारत में उत्पादन शुरू होने के बाद इसके दाम कम हो सकते हैं।
स्पूतनिक-V
भारत में हर साल बनेंगी 85 करोड़ खुराकें
इस वैक्सीन को बनाने के लिए वित्तीय मदद देने वाले रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) CEO किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि भारत में हर साल इस वैक्सीन की 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन किया जाएगा।
DTE की रिपोर्ट के अनुसार, RDIF ने वैक्सीन का उत्पादन तेज करने के लिए डॉ रेड्डीज समेत पांच भारतीय कंपनियों से हाथ मिलाया है।
इन कंपनियों में हेटेरो फार्मा, ग्लैंड फार्मा लिमिटेड, स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड और विरकोव बायोटेक लिमिटेड शामिल हैं।
स्पूतनिक लाइट
एक खुराक वाले वर्जन को जल्द मिल सकती है मंजूरी
दो खुराकों वाली स्पूतनिक-V के एक खुराक वाले वर्जन स्पूतनिक लाइट को भी भारत में जल्द मंजूरी मिल सकती है।
भारत सरकार स्पूतनिक-V की एक खुराक वाली वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को जल्द लॉन्च करने की योजना बना रही है।
सरकार ने इसके लिए सभी हितधारकों से आवेदन और नियामकीय मंजूरी की प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक करने को कहा है।
अगले 2-3 हफ्तों में इसकी मंजूरी के लिए DCGI के पास आवेदन किया जा सकता है।