कोरोना: इसी महीने शुरू होगा सीरम इंस्टीट्यूट की दूसरी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल
भारत में इस महीने एक और कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो जाएगा। अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित की गई और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई जाने वाली वैक्सीन कोवावैक्स के तीसरे चरण में ट्रायल मई मध्य से शुरू हो सकता है। डाटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने इसके दूसरे चरण के सुरक्षा आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद वैक्सीन के अगले चरण के ट्रायल की सिफारिश की है।
अगस्त में हुआ था SII और नोवावैक्स का करार
बता दें, कोवावैक्स को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने तैयार किया है। SII ने अगस्त में वैक्सीन के भारत में उत्पादन, ट्रायल और वितरण को लेकर नोवावैक्स से करार किया था। कंपनी ने वैक्सीन का नाम NVX‑CoV2373 दिया है, जबकि भारत में इसे कोवावैक्स के नाम से तैयार किया जा रहा है। इस साझेदारी के तहत SII भारत में वैक्सीन की 200 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। इनमें से 100 करोड़ खुराक भारत और कम आय वाले देशों के लिए होगी।
सितंबर तक उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भी कोवावैक्स की इंसानी ट्रायल के तीसरे चरण की मंजूरी दे दी है। SII भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर व्यस्कों पर कोवावैक्स के ट्रायल कर रही है। कुछ समय पहले कंपनी के प्रमुख अदार पूनावाला ने सितंबर तक कोवावैक्स के उपलब्ध होने की उम्मीद जताई थी। अगर इस वैक्सीन को हरी झंडी मिलती है तो यह SII की दूसरी कोरोना वैक्सीन होगी।
कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है SII
दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी SII पहले ही एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड) का उत्पादन कर रही है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
देशभर में 19 साइट्स पर होगा ट्रायल
ICMR के साथ जुड़े वैज्ञानिक डॉ अभिजीत कदम ने बताया कि मई मध्य से कोवावैक्स की तीसरे चरण के ट्रायल शुरू हो जाएंगे। इसके लिए देशभर में 19 साइट्स का चुनाव किया गया है, जिनमें से चार पुणे में हैं। ट्रायल के लिए वॉलेंटियरों की तलाश जल्द शुरू होगी। बता दें, ब्रिटेन में कोवावैक्स के तीसरे चरण के ट्रायल में यह 96 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई थी। वहीं कोरोना के UK स्ट्रेन के खिलाफ यह 89.3 प्रतिशत प्रभावी पाई गई।
वैक्सीन की कमी का सामना कर रहा है भारत
दुनिया की 'वैक्सीन फैक्ट्री' कहे जाने वाला भारत इन दिनों वैक्सीन की कमी का सामना कर रहा है। कई राज्यों ने बीते दिनों में केंद्र सरकार के सामने वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति न मिलने का मुद्दा उठाया था। इसके चलते कई जगहों पर वैक्सीनेशन अभियान भी प्रभावित हो रहा है। देश में अब सभी व्यस्कों के लिए वैक्सीनेशन खोल दिया गया है, लेकिन वैक्सीन की कमी के कारण यह अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
वैक्सीनेशन अभियान की क्या स्थिति?
देश में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 15,89,32,921 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। बीते दिन मात्र 17,08,390 खुराकें लगाई गईं। देश में सभी व्यस्कों के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गया है।