भारत में अगस्त से शुरू होगा स्पूतनिक-V का उत्पादन, अगले महीने आएंगी 50 लाख खुराकें
क्या है खबर?
रूस में बनी कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V का भारत में उत्पादन अगस्त से शुरू हो सकता है।
रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मई अंत तक लगभग 30 लाख और अगले महीने के अंत तक लगभग 50 लाख खुराकें भारत को मिल जाएंगी।
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन के बाद स्पूतनिक भारत में मंजूरी पाने वाली तीसरी वैक्सीन है।
कोरोना वायरस वैक्सीन
सबसे प्रभावी वैक्सीनों में शुमार है स्पूतनिक-V
स्पूतनिक-V को 13 अप्रैल को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। भारत इसे हरी झंडी दिखाने वाला 60वां देश था। यह अब तक सर्वाधिक मंजूरी पाने वाली दूसरी वैक्सीन है।
इस वैक्सीन को सामान्य जुकाम करने वाले मानव एडिनोवायरस में जेनेटिक बदलाव करके तैयार किया गया है।
कई देशों में हुए ट्रायल्स में स्पूतनिक-V को 91.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था और यह कोरोना की सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीनों में शुमार है।
स्पूतनिक-V
1 मई को भारत पहुंची थी पहली खेप
हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैब ने रूस से इस वैक्सीन को लेकर करार किया है। इसी कंपनी ने भारत में इसके ट्रायल किए थे और यही इसके उत्पादन की शुरुआत करेगी।
हालांकि, अगस्त में इसका उत्पादन शुरू होने से पहले इसे रूस से आयात किया जा रहा है और 1 मई को इसकी पहली खेप हैदराबाद पहुंची थी।
केंद्र सरकार ने बताया था कि इस वैक्सीन को जल्द ही बाजार में उपलब्ध करवा दिया जाएगा।
स्पूतनिक-V
भारत में हर साल बनेंगी 85 करोड़ खुराकें
इस वैक्सीन को बनाने के लिए वित्तीय मदद देने वाले रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) CEO किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि भारत में हर साल इस वैक्सीन की 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन किया जाएगा।
DTE की रिपोर्ट के अनुसार, RDIF ने वैक्सीन का उत्पादन तेज करने के लिए डॉ रेड्डीज समेत पांच भारतीय कंपनियों से हाथ मिलाया है।
इन कंपनियों में हेटेरो फार्मा, ग्लैंड फार्मा लिमिटेड, स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड और विरकोव बायोटेक लिमिटेड शामिल है।
कोरोना वायरस वैक्सीन
कितनी होगी एक खुराक की कीमत?
भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V की एक खुराक की कीमत 995 रुपये होगी। इस वैक्सीन को दो खुराक लेना जरूरी है। इसका मतलब हुआ कि इस वैक्सीन की दो खुराकें लेने वाले को लगभग 2,000 रुपये चुकाने होंगे। इस कीमत के साथ यह भारत में सबसे महंगी वैक्सीन होगी।
यह कीमत आयात होने वाली खुराकों पर लागू होगी। कंपनी ने कहा था कि भारत में इसका उत्पादन शुरू होने पर कीमत में कटौती की जा सकती है।
कोरोना संकट
वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है भारत
दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक होने के बावजूद भारत इन दिनों वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है, जिसके चलते वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
महाराष्ट्र और दिल्ली जैसी जगहों पर 18-44 साल वालों के लिए वैक्सीनेशन रोकना पड़ा है। कई अन्य जगहों पर भी लोगों को वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट नहीं मिल पा रहे हैं।
सरकार ने अब इस कमी को पूरा करने के लिए विदेशी कंपनियों से वैक्सीन आपूर्ति के लिए संपर्क किया है।