जुलाई से भारत आ सकती है फाइजर की वैक्सीन, स्पूतनिक लाइट को जल्द मिलेगी मंजूरी
कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार लगातार विदेशी कंपनियों के संपर्क में है। अब सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि अमेरिकी कंपनी फाइजर जुलाई में अपनी वैक्सीन की कुछ खुराकें भारत भेज सकती है। अभी तक इनकी मात्रा को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है। दूसरी तरफ सरकार रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक-V की एक खुराक वाली वैक्सीन को भी जल्द मंजूरी देने की योजना के साथ आगे बढ़ रही है।
कानूनी पचड़ों से बचाने की गारंटी पर विचार कर रही सरकार
नीति आयोग के सदस्य और कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ वीके पॉल ने गुरुवार को कहा है कि फाइजर ने ऐसे संकेत दिए हैं वो जुलाई से अपनी वैक्सीन भारत भेजना शुरू कर सकती है। गौरतलब है कि फाइजर ने वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट्स होने पर मुआवजा देने से बचाने की गारंटी मांगी है, जिस पर सरकार अभी विचार कर रही है। भारत में वैक्सीन आपूर्ति से पहले फाइजर इस संबंध में गारंटी लेना चाहती है।
फाइजर से चल रही बातचीत- डॉ पॉल
डॉ पॉल ने कहा, "हम फाइजर के साथ बातचीत कर रहे हैं। कंपनी ने जुलाई से वैक्सीन आपूर्ति शुरू करने के संकेत दिए हैं। हम यह देख रहे हैं कि फाइजर की सरकार से क्या उम्मीदें हैं और वो देख रहे हैं कि सरकार उनसे क्या चाह रही है। यह एक प्रक्रिया है, जो चल रही है। फाइजर को भारत आना है और उसे लाइसेंस आदि के लिए आवेदन करना है। यह इसका एक हिस्सा है।"
स्पूतनिक लाइट को जल्दी लॉन्च करने पर काम कर रही सरकार
भारत सरकार स्पूतनिक-V की एक खुराक वाली वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को जल्द लॉन्च करने की योजना बना रही है। सरकार ने इसके लिए सभी हितधारकों से आवेदन और नियामकीय मंजूरी की प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक करने को कहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारत में स्पूतनिक लाइट के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए अगले कुछ हफ्तों में आवेदन किया जा सकता है। इसके लिए उच्च स्तरीय बातचीत जारी है।
2-3 हफ्तों में स्पूतनिक लाइट के लिए आवेदन होने की उम्मीद
जल्द ही बायोटेक्नोलॉजी विभाग, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI), विदेश मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंड फंड (RDIF) और स्पूतनिक वैक्सीन के भारतीय उत्पादकों की बैठक होगी। इसमें स्पूतनिक लाइट को जल्द मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया पर बात हो सकती है। रूस इसे पहले ही हरी झंडी दिखा चुका है और कई अन्य देशों में इसका ट्रायल जारी है। DCGI ने बताया कि स्पूतनिक लाइट की मंजूरी के लिए 2-3 हफ्तों में आवेदन किया जा सकता है।
ट्रायल के दौरान प्रभावी साबित हुई स्पूतनिक लाइट
रूस ने इसी महीने की शुरुआत में स्पूतनिक लाइट को मंजूरी दी थी। वैक्सीन को विकसित करने में आर्थिक मदद देने वाले रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने दावा किया था इस वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल की बजाय असल दुनिया की परिस्थितियों में वायरस के खिलाफ 79.4 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है। ट्रायल के दौरान स्पूतनिक लाइट की एक खुराक लेने के 28 दिन बाद 91.7 प्रतिशत लोगों में वायरस को खत्म कर देने वाली एंटीबॉडीज पाई गई थीं।
लगभग 700 रुपये है खुराक की कीमत
स्पूतनिक लाइट के बारे में कंपनी का दावा है कि जिन लोगों में पहले से वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बनी हुई थी, उन सभी के एंटीबॉडी लेवल में 10 दिन बाद 40 गुना बढ़ोतरी देखी गई थी। बता दें कि दो खुराक वाली स्पूतनिक-V की प्रभावकारिता 91 प्रतिशत है। RDIF की तरफ से बताया गया है कि स्पूतनिक लाइट की कीमत 700 रुपये से भी कम है और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।