वैक्सीनेशन अभियान के लिए जून में उपलब्ध होंगी लगभग 12 करोड़ खुराकें- केंद्र सरकार
वैक्सीनेशन अभियान के लिए अगले महीने देश में कोरोना वायरस वैक्सीन की लगभग 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी है। इनमें से आधी खुराकें केंद्र सरकार राज्यों को मुफ्त में देंगी, जबकि बाकी की खुराकें राज्यों और निजी अस्पतालों को अपनी जेब से पैसे चुकाकर सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनियों से खरीदनी होंगी। सरकार ने यह भी बताया कि मई में वैक्सीनेशन अभियान के लिए लगभग आठ करोड़ खुराकें उपलब्ध थीं।
16 जनवरी से शुरू हुआ था वैक्सीनेशन अभियान
भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था। शुुरूआत में फ्रंटलाइन और स्वास्थ्यकर्मियों, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। इसके बाद 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन अभियान में शामिल किया गया। इन सबके लिए केंद्र सरकार राज्यों को मुफ्त में वैक्सीन देती है। 1 मई से 18-44 साल वालों के वैक्सीनेशन शुरू हुआ था, जिसके लिए राज्यों को वैक्सीन खरीदनी पड़ती है।
जून में राज्यों को 6.09 करोड़ खुराकें देंगी केंद्र सरकार
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि जून में केंद्र सरकार राज्यों को 6.09 करोड़ खुराकें मुफ्त में मुहैया कराएगी। इन खुराकों को स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाने के लिए किया जाएगा। इनके अलावा राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और निजी अस्पतालों के लिए कंपनियों के पास 5.86 करोड़ खुराकें मौजूद रहेंगी। इनमें से आधी राज्यों और बाकी खुराकें निजी अस्पतालों को बेची जाएंगी।
बेहतर योजना के लिए पहले दी जा रही जानकारी- मंत्रालय
केंद्र ने बताया है कि खपत, आबादी और वैक्सीन के बर्बाद होने जैसे पैमानों के आधार पर राज्यों के बीच वैक्सीन का वितरण कर रही है। बयान में कहा गया है कि वैक्सीन की खुराकों को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले से इसलिए जानकारी दी जा रही है ताकि वो वितरण और आपूर्ति को लेकर बेहतर योजना तैयार कर सके। सरकार की वैक्सीन आपूर्ति का शेड्यूल भी राज्यों को पहले बता दिया जाएगा।
मई में कितनी खुराकें उपलब्ध थीं?
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि मई में देशभर में वैक्सीनेशन के लिए 7.94 करोड़ खुराकें उपलब्ध थीं। इनमें से 4.03 करोड़ केंद्र ने राज्यों को भेजी थी और 3.90 करोड़ राज्यों और निजी अस्पतालों ने सीधे कंपनियों से खरीदीं। खुराकों की कमी के चलते मई में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार बेहद धीमी रही और सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसे लेकर सरकार को सफाई भी देनी पड़ी थी।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में बीते कुछ हफ्तों से वैक्सीन की भारी कमी चल रही है, जिसके चलते वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। खुराकें नहीं होने की वजह से दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में 18-44 आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन ठप पड़ा है। वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो देश में अब तक वैक्सीन की 21,20,66,614 खुराकें लगाई गई हैं। बीते दिन 30,35,749 खुराकें लगाई गईं। वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।