कोरोना के खिलाफ लड़ाई में क्यों अहम है दुनिया की 'वैक्सीन कैपिटल' हैदराबाद का योगदान?
क्या है खबर?
दुनिया की कई फार्मा कंपनियां और दूसरे संस्थान कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं।
इनके साथ ही दुनियाभर की नजरें भारत पर भी टिकी हैं, जहां पूरे विश्व की 60 प्रतिशत वैक्सीन तैयार होती है।
वहीं अगर भारत की ही बात करें तो यहां हैदराबाद में दुनिया में आपूर्ति की जाने वाली कुल वैक्सीन में से एक तिहाई का उत्पादन होता है।
इस वजह से इस शहर को दुनिया की 'वैक्सीन कैपिटल' भी कहा जाता है।
उत्पादन क्षमता
हैदराबाद में उच्च गुणवत्ता के साथ लाखों वैक्सीन उत्पादन करने की क्षमता
बात चाहे भारत की पहली संभावित वैक्सीन कोवैक्सिन की हो, रूस की स्पुनतिक वी या अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन की हो, ये सभी कहीं न कहीं हैदराबाद से जुड़ी हुई है।
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए शांता बायोटेक्निक लिमिटेड के संस्थापक डॉक्टर वी रेड्डी कहते हैं कि हैदराबाद की सभी वैक्सीन कंपनियों की उत्पादन टेक्नोलॉजी मजबूत हैं और उनके पास उच्च गुणवत्ता के साथ लाखों खुराक के उत्पादन की क्षमता है।
जानकारी
सिनोफी की वैक्सीन का होगा भारत में निर्माण
साल 2009 में शांता बायोटेक्निक्स का सिनोफी ने अधिग्रहण कर लिया है। सिनोफी अब कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने में जुटी है। रेड्डी को उम्मीद है कि इसकी कुछ खुराकों का निर्माण हैदराबाद में किया जाएगा।
बयान
"कोरोना के समाधान में अहम हिस्सा होगा हैदराबाद"
बायोलॉजिकल ई लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर महिमा डाटला मानती हैं कि हैदाराबाद कोरोना वायरस के समाधान का एक अहम हिस्सा होगा।
महिमा की कंपनी ने टेक्सास स्थित बेयलार कॉलेज ऑफ मेडिसिन के साथ इसकी संभावित वैक्सीन विकसित करने और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन के भारत में उत्पादन के लिए तकनीकी साझेदारी की है।
डाटला डेवलपिंग कंट्रीज वैक्सीन मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क (DCVMN) की प्रमुख भी हैं। वो कहती हैं कि उत्पादन क्षमता के कारण हैदराबाद महत्वपूर्ण है।
उत्पादन
वैक्सीन उत्पादन के लिए तैयारी में जुटी हैदराबाद की कई कंपनियां
डाटला ने बताया कि कोरोना की अधिकतर वैक्सीन कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज की लैब्स या नॉन-वैक्सीन कंपनियों द्वारा तैयार की जा रही है। उनके पास बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। इसलिए उन्हें भारत या चीन की कंपनियों के साथ साझेदारी करनी पड़ेगी।
हैदराबाद की अधिकतर वैक्सीन उत्पादन कंपनियां वैक्सीन विकसित कर रही कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है ताकि मंजूरी मिलते ही बिना ज्यादा समय गंवाएं उत्पादन शुरू किया जा सके।
समझौते के लिए बातचीत
भारत में बनेगी रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन
इंसानों और पशुओं के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनी इंडियन इम्युनोलॉजिकल लिमिटेड (IIL) हैदारबाद के बाहरी इलाके में एक नया प्रोडक्शन प्लांट लगा रही है।
इसकी 2 करोड़ खुराकों की फिल-फिनिश (शीशी में खुराक डालने से लेकर उसे बेचने के लिए तैयार बनाने तक) की क्षमता होगी।
यह कंपनी रूस के साथ उसकी कोरोना वायरस वैक्सीन स्पुतनिक-वी बनाने के लिए बातचीत कर रही है। जल्द ही यह बातचीत सिरे चढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
बयान
सफल वैक्सीन के साथ काम करने के तैयार कंपनियां- डाटला
IIL के मैनेजिंग डायरेक्टर के आनंद कुमार ने कहा, "यह प्लांट अगले एक-दो महीनों में तैयार हो जाएगा। हमारी खुद की संभावित वैक्सीन भी ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर तैयार की जा रही है। हम दूसरी कंपनियों के लिए भी वैक्सीन बनाने को तैयार हैं।"
डाटला कहती हैं कि अभी किसी भी वैक्सीन को लेकर अंतिम रुप से कुछ नहीं कहा जा सकता। इसलिए यहां की कंपनियां सफल होने वाली वैक्सीन के साथ काम करने को तैयार हैं।