अप्रैल-मई में भारत को मिलना शुरू होगी स्पूतनिक वैक्सीन, हर साल बनेंगी 85 करोड़ खुराकें
क्या है खबर?
भारत को अप्रैल के अंत या मई की शुरूआत में रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' की कुछ खुराकें मिल सकती हैं, हालांकि बड़ी संख्या में खुराकें मिलने में एक-दो महीने का समय लग सकता है।
पांच भारतीय कंपनियों से वैक्सीन के उत्पादन का समझौता करने वाली रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि ये भारतीय कंपनियां एक साल में वैक्सीन की 85 करोड़ खुराकें बनाएंगी।
बयान
उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में लगेंगे एक-दो महीने- RDIF
RDIF के CEO किरिल दिमित्रीव ने NDTV से बात करते हुए कहा, "हमारा मानना है कि पहली खुराकें अप्रैल के अंत तक या मई की शुरूआत में दे दी जाएंगी। भारत को मई में निश्चित रूप से खुराकें मिल रही होंगी। भारत में हमारे पांच बड़े उत्पादक हैं जो खुराकें बना रहे होंगे। लेकिन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में एक-दो महीने लगेंगे। इसलिए हमारा मानना है कि जून तक हम भारत के वैक्सीनेशन अभियान में एक अहम खिलाड़ी बन जाएंगे।"
सालाना उत्पादन
भारत में हर साल बनेंगी 85 करोड़ खुराकें- दिमित्रीव
दिमित्रीव ने आगे कहा, "भारत वैक्सीन उत्पादन का अड़्डा है और स्पूतनिक के उत्पादन के लिए हमारा रणनीतिक साझेदार है। RDIF ने भारत की कई बड़ी फार्मास्युटिकल्स कंपनियों के साथ उत्पादन का समझौता किया है जिससे भारत और विश्व दोनों जगह वैक्सीन की सप्लाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा कि भारत में हर साल 85 करोड़ से अधिक खुराकें बनाई जाएंगी जो दुनियाभर में 42.5 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने के लिए पर्याप्त होंगी।
उत्पादन
दिमित्रीव ने कहा- हर महीने बनाई जाएंगी पांच करोड़ खुराकें
दिमित्रीव ने कहा कि उत्पादन क्षमता बढ़ने के बाद भारत में हर महीने करोड़ों खुराकें बनाई जाएंगी।
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि गर्मियों में भारत में उत्पादन क्षमता हर महीने पांच करोड़ खुराक से अधिक हो जाएगी। अभी हमारे पास मई में भारतीय बाजार के लिए कुछ खुराकें जरूर होंगी, लेकिन यह एक बड़ी संख्या नहीं होगी। इससे हम शुरूआत करेंगे और अंत में महीने में पांच करोड़ से अधिक खुराकों का उत्पादन करेंगे।"
मंजूरी
आज ही स्पूतनिक को मिली है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
बता दें कि स्पूतनिक को आज ही भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है। कल सब्जेट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने उसे आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश की थी और आज ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस पर आधिकारिक मुहर लगा दी।
स्पूतनिक को ऐसे समय पर मंजूरी दी गई है जब कोरोना संक्रमण की दूसरी और अधिक भीषण लहर के बीच देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है।
तकनीक और ट्रायल
ट्रायल में 91.6 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी स्पूतनिक
स्पूतनिक-V वैक्सीन सामान्य जुकाम करने वाले मानव एडिनोवायरस में जेनेटिक बदलाव करके बनाई गई है। इसे रूसी सेना ने मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है।
कई देशों में हुए तीसरे चरण के ट्रायल में इस वैक्सीन को 91.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था और यह कोरोना की सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीनों में शुमार है।
यह दो खुराकों वाली वैक्सीन है जिनमें 21 दिन का अंतर रखा जाता है।