तेलंगाना: नियम तोड़ने पर 10 निजी अस्पतालों से छीनी गई कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति
तेलंगाना सरकार ने इलाज के ज्यादा पैसे लेने और लापरवाही बरतने के आरोप में राज्य के 10 निजी अस्पतालों से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने की अनुमति छीन ली है। स्वास्थ्य निदेशक डॉ जी श्रीनिवास राव ने शुक्रवार और शनिवार दोनों दिन पांच-पांच अस्पतालों से अनुमति छीनी। उन्होंने कहा कि 26 मई के बाद से उन्हें निजी अस्पतालों के खिलाफ 115 शिकायतें मिली हैं और उन्होंने 79 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
विरिंची अस्पताल में हिंसा के बाद शुरू हुई सरकार की कार्रवाई
निजी अस्पतालों के खिलाफ तेलंगाना सरकार की ये कार्रवाई विरिंची अस्पताल के खिलाफ आई एक शिकायत के बाद शुरू हुई। गुरूवार को वम्शी कृष्णा नामक एक कोरोना मृतक के परिजनों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया था और डॉक्टरों के साथ हाथापाई की थी। सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक डॉ राव ने मामले में अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। अस्पताल ने इसका जवाब नहीं दिया जिसके बाद शुक्रवार को उससे अनुमति वापस ले ली गई।
इन अस्पतालों से भी छीनी गई अनुमति
इसके बाद शुक्रवार को ही मैक्स अस्पताल, नीलिमा अस्पताल, टीएक्स अस्पताल और विन अस्पताल से भी इलाज के ज्यादा पैसे वसूलने और लापरवाही बरतने के आरोप में कोरोना मरीजों को भर्ती करने की अनुमति छीन ली। शनिवार को जिन पांच अस्पतालों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई, उनमें इमेज अस्पताल, अंकुरा अस्पताल, सिया लाइफ अस्पताल, पंचवटी अस्पताल और साई सिद्धार्थ अस्पताल शामिल रहे। इन अस्पतालों को अभी जो मरीज भर्ती हैं, उनके इलाज जारी रखने को कहा गया है।
मरीजों को लूटना जारी रखने पर रद्द कर दिया जाएगा लाइसेंस- डॉ राव
डॉ राव ने चेतावनी दी है कि अगर निजी अस्पताल अभी भी मरीजों को लूटना जारी रखते हैं तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "अगर किसी अस्पताल को नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।"
पीड़ितों ने सुनाई अस्पतालों के लालच की कहानी
वेंटीलेटर पर चल रहे अपने कोरोना पॉजिटिव बेटे को एक निजी अस्पताल से निकालकर हैदराबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने को मजबूर होने वाली एक महिला ने बताया कि उससे रोजाना एक लाख रुपये लिए जा रहे थे और अपना घर बेचने के बावजूद वह इलाज के लिए पैसों का इंतजाम नहीं कर पाई। एक अन्य पीड़ित ने कहा कि पैसे न होने पर अस्पताल ने उसके पिता को नाजुक हालत में ही कहीं ओर ले जाने को कहा।
तेलंगाना ने तय कर रखे हैं कोरोना मरीजों के इलाज के रेट
बता दें कि तेलंगाना सरकार ने जून, 2020 में ही कोरोना मरीजों के इलाज के रेट तय कर दिए थे। इनके मुताबिक, वेंटीलेटर वाले ICU में भर्ती मरीज से एक दिन के अधिकतम 9,000 वसूले जा सकत हैं, वहीं बिना वेंटीलेटर वाले ICU के लिए 7,500 रुपये की सीमा तय की गई थी। इसी तरह सामान्य वार्ड में इलाज के लिए 4,000 रुपये प्रति दिन वसूले जा सकते हैं। तीनों मामलों में टेस्ट और अन्य सामानों का खर्च अलग है।
तेलंगाना में क्या है महामारी की स्थिति?
तेलंगाना अभी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहा है और पिछले कुछ हफ्तों में इससे राहत मिली है। शुक्रवार को राज्य में 2,982 नए मामले सामने आए और 21 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 5,74,026 हो गई है। इनमें से 3,247 मरीजों की मौत हुई है, वहीं 5,33,862 मरीज ठीक हो चुके हैं। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 36,917 हो गई है।