प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने ड्रोन सौदे को दिया अंतिम रूप, ये समझौते भी हुए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के डेलावेयर में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आवास पर आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन से अलग उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। इसमें दोनों नेताओं भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में चर्चा करने के साथ अरबों रुपये के MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया। इसके अलावा कोलकाता में सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना पर भी चर्चा की। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
विदेश मंत्रालय ने क्या क्या?
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, "दोनों नेताओं ने पारस्परिक हितों के क्षेत्रों में अमेरिका-भारत द्विपक्षीय साझेदारी को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी अपने विचार साझा किए, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी शामिल था।" व्हाइट हाउस ने बयान में कहा, "दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि उनके प्रयासों ने अमेरिका-भारत साझेदारी को आने वाले दशकों में और अधिक अधिक ऊंचाइयों की ओर अग्रसर किया है।"
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन सौदे को दिया अंतिम रूप
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की खरीद और संयुक्त सैन्य अभ्यास सहित दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अरबों रुपये के इस ड्रोन सौदे को अंतिम रूप दिया। इसके तहत भारत अमेरिका से 31 जनरल एटॉमिक्स MQ-9B (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) ड्रोन खरीदेगा। इन ड्रोन्स की कीमत 3 अरब डॉलर यानी (25,200 करोड़ रुपये) है। राष्ट्रपति बाइडन ने भारत के इस फैसले का स्वागत किया।
कोलकाता में होगी सेमीकंडक्टर संयंत्र की स्थापना
दोनों नेताओं के बीच कोलकाता में सेमीकंडक्टर प्लांट की स्थापना पर भी चर्चा हुई। व्हाइट हाउस ने कहा, "दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अगली पीढ़ी के दूरसंचार और हरित ऊर्जा अनुप्रयोगों के लिए उन्नत संवेदन, संचार और विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स पर केंद्रित एक नए सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते की सराहना की।" यह संयंत्र भारत सेमीकंडक्टर मिशन के समर्थन से भारत सेमी, थर्डटेक और अमेरिकी अंतरिक्ष बल के बीच साझेदारी से स्थापित किया जाएगा।
अमेरिका ने भारत को सौंपी 297 प्राचीन बहुमूल्य कलाकृतियां
अमेरिका ने भारत को 297 प्राचीन बहुमूल्य कलाकृतियां सौंपी हैं। इन्हें भारत से तस्करी के जरिए विदेश ले जाया गया था। इस फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका का आभार जताया। अमेरिका पिछले 10 साल में भारत को ऐसी 578 ऐतिहासिक वस्तुएं सौंप चुका है। 2021 में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका यात्रा पर गए थे, उस समय भी अमेरिका ने भारत को 157 प्राचीन धरोहरें लौटाई थीं। इसमें 12वीं शताब्दी की कांस्य नटराज प्रतिमा भी शामिल थी।
सुपर हरक्यूलिस विमान के लिए भी हुआ समझौता
अत्याधुनिक C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान की भारत में मेंटेंनेंस, रिपेयर और ओवरहॉलिंग (MRO) के लिए लॉकहीड मार्टिन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम के बीच समझौता हुआ है। इससे भारतीय विमानों को सुविधा मिलने के साथ-साथ विमानों के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं की जरूरतें भी पूरी होंगी। इसके अलावा इंडिया-अमेरिका डिफेंस इंडस्ट्रियल कोऑपरेशन रोडमैप पर भी चर्चा हुई। इसके तहत जेट इंजन, गोला-बारूद, भारी वाहनों और हथियारों का निर्माण किया जाता है। द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास और MRO पारिस्थितिकी तंत्र पर भी चर्चा हुई।