#NewsBytesExplainer: प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका दौरा क्यों है खास और क्या-क्या समझौते हो सकते हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। ये उनकी अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा होगी। इस दौरान मोदी दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। अमेरिकी प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने कहा कि यात्रा के दौरान दोनों देश रक्षा पर केंद्रित रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के तरीकों पर विशेष रूप से चर्चा करेंगे। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा क्यों खास है।
कैसा रहेगा मोदी का अमेरिकी दौरा?
प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन ने अमेरिका की यात्रा का निमंत्रण दिया है। इस निमंत्रण को स्वीकार करते हुए वे 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे राजकीय भोज में शामिल होंगे और राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात करेंगे। यात्रा के दौरान वे उद्योगपतियों और प्रतिष्ठित लोगों के साथ भी मुलाकात कर सकते हैं। यात्रा के शेड्यूल को लेकर आधिकारिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है।
किस तरह अलग है ये दौरा?
प्रधानमंत्री मोदी कई बार अमेरिका का दौरा कर चुके हैं, लेकिन उनमें से कोई भी राजकीय दौरा नहीं था। 9 साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान मोदी पहली बार अमेरिका के राजकीय दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान उनका 21 तोपों की सलामी से स्वागत किया जाएगा और उन्हें व्हाइट हाउस के आधिकारिक गेस्ट हाउस में ठहराया जाएगा। व्हाइट हाउस में ही राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा। इस पूरी यात्रा का खर्च अमेरिकी सरकार उठाएगी।
क्या होती है राजकीय यात्रा?
राजकीय यात्राएं सरकार के प्रमुख के नेतृत्व में बाहरी देशों की यात्राएं होती हैं। ऐसी यात्राओं को आधिकारिक तौर पर नेता के नाम की बजाय सरकार के नाम की यात्रा के रूप में वर्णित किया जाता है। अमेरिका की राजकीय यात्राएं केवल अमेरिका के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर होती हैं। इस दौरान कई सरकारी समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसी कारण जब प्रधानमंत्री मोदी 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के लिए अमेरिका गए थे, वो राजकीय यात्रा नहीं थी।
दौरे पर कौन-कौन से सौदे हो सकते हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान लड़ाकू विमानों के 350 इंजनों के भारत में निर्माण का बड़ा सौदा हो सकता है। दोनों नेताओं के बीच अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक के हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ मिलकर भारत में लड़ाकू विमानों के इंजन बनाने के समझौते पर भी हस्ताक्षर हो सकते हैं। इस दौरान व्यापार परिषद के एयरोस्पेस और रक्षा समिति के आयोजन में भी कई अहम समझौते हो सकते हैं।
सैन्य ड्रोन का सौदा भी संभव
यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 30 MQ-9 B सैन्य ड्रोन खरीदने का सौदा भी हो सकता है। यह सौदा करीब 22,000 करोड़ रुपये का होगा। इसमें से 10-10 ड्रोन भारतीय सेना के तीनों अंगों को दिए जाएंगे। ये ड्रोन लगातार 48 घंटे तक 6,000 किलोमीटर की रेंज में उड़ान भर सकते हैं। ये एक बार में करीब 2 टन सामान अपने साथ ले जा सकते हैं। इनमें हवा से धरती पर वार करने वाली मिसाइल भी हैं।
और किस क्षेत्र में समझौता हो सकता है?
हाल ही में चीन ने पहली बार किसी आम नागरिक को अंतरिक्ष में भेजा है। चीन ने पिछले साल अपने तीसरे स्पेस स्टेशन को बनाने का काम भी पूरा कर लिया था, यानी अंतरिक्ष के क्षेत्र में चीन अमेरिका से आगे निकलना चाहता है। इस क्षेत्र में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है, इसलिए दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष के मुद्दे पर किसी न किसी तरह का समझौता होने की उम्मीद है।
अन्य किन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत?
हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भी इस दौरे को अहम माना जा रहा है। प्रेस सचिव पियरे एक बयान में कह चुके हैं कि दोनों देश मुक्त, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने की दिशा में प्रतिबद्धता को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन का प्रभाव कम करने के लिए अमेरिका चाहता है कि प्रधानमंंत्री मोदी प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ एशियाई देशों को भी एकजुट करें।
G-20 के लिहाज से भी अहम है दौरा
भारत इस साल G-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है और सितंबर में भारत में ही G-20 शिखर सम्मेलन होना है। दौरे की घोषणा के वक्त भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मोदी की यात्रा के दौरान दोनों नेता G-20 सहित बहुपक्षीय मंचों पर भारत-अमेरिका सहयोग को मजबूत करने के तरीकों का पता लगाएंगे। बाइडन और मोदी के बीच इस साल ये दूसरी मुलाकात है। इससे पहले दोनों नेता टोक्यो में G-7 सम्मेलन के दौरान मिल चुके हैं।