राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम क्या है, जिसके तहत 80 करोड़ लोगों को मिलेगा मुफ्त राशन?
केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विलय कर दिया है और इस योजना के तहत वंचितों को दिए जा रहे मुफ्त राशन की अवधि को भी दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दिया है। अब इस अधिनियम के तहत देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जाएगा। आइये जानते हैं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) क्या है और इसके नियम क्या हैं।
सबसे पहले जानें क्या थी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना?
2020 में कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत देशभर के BPL राशनकार्ड धारकों को प्रति महीने पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता था। NFSA के साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विलय करके दिसंबर, 2023 तक इसका विस्तार किया गया है। इससे केंद्र सरकार को अब दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा और अनाज का भंडारण भी अधिक करना होगा।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम क्या है?
कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA-2 सरकार ने 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) बनाया था। यह कानून कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी की देन है। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास का पहला ऐसा कानून है, जिसमें भोजन का अधिकार दिया गया है। 2011 की जनगणना के आधार पर देश की 67 फीसदी आबादी (75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी) को इस कानून के दायरे में लाया गया है।
NFSA का क्या है दायरा?
NFSA के तहत मुख्य रूप से चार चीजों की बात की गयी है, जो योजनाओं के रूप में पहले से ही लागू थीं, लेकिन NFSA के अंतर्गत आने से उन्हें कानूनी हक का दर्जा प्राप्त हो गया। इन चार चीजों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), एकीकृत बाल विकास सेवाएं (ICDS), मिड डे मील और मातृत्व लाभ शामिल हैं। इनके तहत भारत में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषित आहार उपलब्ध कराया जाता है।
NFSA में बच्चों और महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान
NFSA में महिलाओं और बच्चों के पोषण पर विशेष ध्यान दिया गया है। गर्भवती महिलाओं और नई मांओं को बच्चे के जन्म के छह माह बाद तक भोजन के अलावा कम से कम 6,000 रुपये का मातृत्व लाभ दिया जाता है। वहीं 14 साल तक की आयु के बच्चे भी निर्धारित पोषण मानकों के अनुसार भोजन प्राप्त करने के हकदार हैं। खाद्यान्नों और भोजन की आपूर्ति नहीं किए जाने की स्थिति में उन्हें नकद राशि का भुगतान किया जाता है।
NFSA सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में लागू
NFSA को सभी राज्यों और सभी केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया जा रहा है और इसमें 81.34 करोड़ लोगों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके सापेक्ष 80.72 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। वहीं चंडीगढ़, पुडुचेरी और दादरा-नगर हवेली में राशन लाभार्थियों के खातों में नकद राशि ट्रांसफर की जा रही है और इस राशि से लाभार्थी अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से राशन खरीद सकते हैं।
ONORC से उठा सकते हैं लाभ
देशभर में लगभग पांच लाख राशन की दुकानों पर वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC) योजना के तहत किसी भी इलाके का निवासी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा सकता है। अब तक 61 करोड़ से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।