मोदी सरकार ने UPA सरकार से 2.86 प्रतिशत सस्ता किया राफेल सौदा, CAG रिपोर्ट में खुलासा
राफेल विमान सौदे पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में सामने आया है कि मोदी सरकार की डील UPA सरकार से 2.86 प्रतिशत सस्ती रही। इसके साथ ही मोदी सरकार का अपने सौदे का UPA के सौदे से 9 प्रतिशत सस्ता होने का दावा भी खारिज हो गया है। रिपोर्ट पेश होने के कुछ देर बाद ही राज्यसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा। बता दें कि आज मौजूदा लोकसभा का आखिरी दिन है।
रिपोर्ट में विमान की कीमत पर नहीं हुआ कोई खुलासा
CAG ने 141 पेज की अपनी रिपोर्ट में मोदी सरकार के राफेल सौदे को UPA सरकार से 2.86 प्रतिशत सस्ता बताया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सौदे में उड़ने के लिए तैयार राफेल विमान की कीमत उतनी ही है, जितनी UPA सरकार में थी। हालांकि, इसमें विमान की कीमत का खुलासा नहीं किया गया है। इससे पहले मोदी सरकार ने अपने सौदे को UPA सरकार के समय हुए सौदे से 9 प्रतिशत सस्ता बताया था।
क्या है पूरा विवाद?
UPA सरकार के समय 126 राफेल विमानों का सौदा हुआ था, जिसमें से 18 तैयार हालत में मिलते और बाकी का निर्माण भारत में ही हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ मिलकर किया जाता। लेकिन मोदी सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया और 2016 में सीधे फ्रांस सरकार के साथ 36 विमानों का सौदा किया, जिसकी कीमत 58,000 करोड़ रुपये है। सौदे में HAL को हटाकर अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को शामिल कर लिया गया।
डिलिवरी भी समय से पहले
रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार के सौदे में विमानों की डिलिवरी भी UPA सरकार की तुलना में जल्दी होगी। पिछले सौदे में जहां डिलिवरी में 72 महीने का समय लग रहा था, अब डिलिवरी में 71 महीने का वक्त लगेगा। इनमें से चालू हालत में आने वाले 18 विमानों की डिलिवरी पिछले सौदे के मुकाबले 5 महीने जल्दी होगी। रिपोर्ट पेश होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने इसे सत्य की जीत बताया है।
अरुण जेटली ने कहा, सत्यमेव जयते
अमेरिका में इलाज कर रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिपोर्ट पेश आने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, 'सत्यमेव जयते।' उन्होंने कहा है कि महागठबंधन का झूठ सामने आ चुका है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि सुप्रीम कोर्ट गलत हो, CAG गलत हो और केवल एक राजवंश (गांधी परिवार) सही है। वहीं, मंगलवार को राहुल गांधी ने CAG रिपोर्ट को मोदी की रिपोर्ट बताते हुए इसे खारिज कर दिया था।