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    स्कूल से लेकर नौकरी तक अनिवार्य होगा जन्म प्रमाण पत्र, कानून में बदलाव की तैयारी

    स्कूल से लेकर नौकरी तक अनिवार्य होगा जन्म प्रमाण पत्र, कानून में बदलाव की तैयारी
    लेखन प्रमोद कुमार
    Nov 27, 2022, 08:29 am 1 मिनट में पढ़ें
    स्कूल से लेकर नौकरी तक अनिवार्य होगा जन्म प्रमाण पत्र, कानून में बदलाव की तैयारी
    स्कूल से लेकर नौकरी तक अनिवार्य होगा जन्म प्रमाण पत्र

    केंद्र सरकार स्कूल में दाखिले से लेकर सरकारी नौकरियों तक के लिए जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य दस्तावेज बनाने पर विचार कर रही है। दरअसल, सरकार ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले, वोटर लिस्ट में नाम शामिल करवाने, सरकारी नौकरियों, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने समेत कई सुविधाओं के लिए जन्म प्रमाण पत्र को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया है।

    अभी भी जरूरी है जन्म और मृत्यु का पंजीकरण

    कानून के तहत अभी भी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण कराना जरूरी है और इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। अब सरकार इस पंजीकरण को मूलभूत सुविधाओं के साथ जोड़कर इसका अनुपालन सुधारना चाहती है।

    शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है बदलाव का मसौदा

    द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, कानून में संशोधन का प्रस्ताव गृह मंत्रालय ने तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि स्थानीय रजिस्ट्रार की तरफ से जारी जन्म प्रमाण पत्र को जन्म की तारीख और स्थान बताने के अलावा अन्य शादी के पंजीकरण, मतदाता सूची तैयार करने, सरकारी नौकरियों और पासपोर्ट आदि जारी करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस विधेयक को 7 दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है।

    अस्पतालों के लिए बदलेगा यह नियम

    प्रस्तावित बदलावों में सभी अस्पताल और मेडिकल संस्थानों के लिए रिश्तेदारों के साथ-साथ स्थानीय रजिस्ट्रार को मृत्यु प्रमाण पत्रों की कॉपी जमा कराना और मौत का कारण बताना जरूरी होगा। वहीं केंद्रीय स्तर पर स्टोर किया गया जन्म और मृत्यु का पूरा डाटा बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के रियल टाइम अपडेट होगा। इससे युवाओं के 18 साल का होते ही मतदाता सूची में उसका नाम शामिल हो जाएगा और मृत्यु होते ही डिलीट हो जाएगा।

    लोगों से मिले सुझावों को किया गया है शामिल- सूत्र

    सूत्रों ने बताया कि पिछले साल विधेयक पर लोगों के सुझाव मांगे गए थे। लोगों और राज्य सरकारों की तरफ से मिले सुझावों को इसमें शामिल कर लिया गया है। अभी इसकी समीक्षा की जा रही है और इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पेश करने की कोशिश होगी। उन्होंने कहा कि इस बार सत्र की अवधि छोटी है, इसलिए इस पर चर्चा अगले सत्र में हो सकती है।

    देश में बढ़ा है जन्म और मृत्यु का पंजीकरण

    सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में जन्म पंजीकरण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है। 2010 में यह 82 प्रतिशत था, जो 2019 में बढ़कर 92.7 प्रतिशत हो गया। इसी तरह मृत्यु का पंजीकरण भी 2010 के 66.9 प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 92 प्रतिशत हो गया था। बता दें कि CRS रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) की तरफ से संचालित एक ऑनलाइन जन्म और मृत्यु पंजीकरण सिस्टम है।

    CRS को किया जाएगा अपग्रेड

    सरकार अब CRS को अपग्रेड करने पर काम कर रही है, जिसके बाद जन्म और मृत्यु का पंजीकरण बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के रियल टाइम में हो सकेगा। अगर कानून में संशोधन को हरी झंडी मिलती है तो सरकार CRS के डाटा को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने के लिए इस्तेमाल कर सकेगी। NPR में अभी 119 करोड़ लोगों का डाटाबेस स्टोर है और यह नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) तैयार करने की दिशा में पहला कदम है।

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