ई-कॉमर्स वेबसाइट पर नहीं पोस्ट कर सकेंगे फर्जी रिव्यू, नए नियम लागू
ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर फर्जी रिव्यू और रेटिंग्स को रोकने के लिए सरकार ने नए नियम जारी कर दिए हैं। ये नियम अब लागू हो गए हैं और टूर एंड ट्रैवल सर्विस, रेस्टोरेंट और कंज्यूमर सामान बेचने वाली कंपनियां इनके दायरे में आएंगी। दरअसल, ऑनलाइन शॉपिंग और सर्विस का इस्तेमाल बढ़ने के बाद से इन नियमों का इंतजार हो रहा था। आइये जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और कैसे इनसे ग्राहकों को फायदा पहुंचेगा।
मई से चल रही है कवायद
फर्जी रिव्यू और रेटिंग पर रोक लगाने के लिए सरकार मई से कवायद कर रही है। मई में उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने सभी हितधारकों के साथ बैठक कर फर्जी रिव्यू, पेड रिव्यूज और असत्यापित रिव्यूज आदि पर चर्चा की थी। बैठक में सभी हितधारक इस बात पर सहमत हुए कि इस मुद्दे पर कड़ाई से नजर रखने और उपभोक्ताओं के अधिकारों के सरंक्षण के लिए फर्जी रिव्यूज पर निगरानी के लिए ढांचे की जरूरत है।
21 नवंबर को जारी हुए नए नियम
केंद्र सरकार ने 21 नवंबर को नए मानक जारी कर दिए हैं। इसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को रिव्यू जांचने के लिए एडमिनिस्ट्रेटर्स रखने होंगे। ये एकतरफा या फर्जी रिव्यू को फिल्टर करेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि प्लेटफॉर्म पर रिव्यू के साथ उसके पब्लिशिंग की तारीख और रेटिंग भी दिखाई जाएगी। नए नियमों के तहत रिव्यू लिखने से पहले ग्राहकों को अपनी कॉन्टैक्ट डिटेल देनी होगी और रिव्यू लिखने के बाद यह एडिट नहीं होगा।
फर्जी रिव्यू रखने पर होगी कार्रवाई
अगर कोई कंपनी फर्जी रिव्यू अपनी वेबसाइट पर रखती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जा सकता है। नए नियमों के दायरे में जोमेटो, स्विगी, टाटा संस, रिलायंस रिटेल और मेटा जैसी कंपनियां आएंगी। बता दें कि कई बार कई कंपनियां अपनी छवि सुधारने और प्रतिद्वंद्वियों को नुकसान पहुंचाने के लिए पैसे देकर रिव्यू लिखवाती हैं, जिससे ग्राहकों की पसंद भी प्रभावित होती है। इससे ग्राहकों के लिए भ्रम की स्थिति बन जाती है।
ग्राहकों को इससे क्या फायदा होगा?
आमतौर पर ई-कॉमर्स कंपनियां अपने ग्राहकों से सेवाओं या प्रोडक्ट्स के रिव्यू लिखने को कहती है। टेक्स्ट और स्टार रेटिंग के अलावा ये रिव्यू फोटो और वीडियो फॉर्मेट भी में हो सकते हैं। इनसे न सिर्फ कंपनियों की छवि बेहतर होती है बल्कि ग्राहकों को भी उस सेवा या प्रोडक्ट की विश्वसनीयता का पता लगता है। अब अगर फर्जी रिव्यू पर रोक लगती है तो ग्राहक खरीदने से पहले ही बेहतर तरीके से उस प्रोडक्ट के बारे में जान सकेंगे।