मोरबी पुल हादसा: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जताया दुख, प्रधानमंत्री मोदी आज करेंगे घटनास्थल का दौरा
गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से हुए बड़े हादसे के कारण पूरा देश दुखी है। इस दुख में शामिल होते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है। ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में अमेरिका भारतीय लोगों के साथ है। दूसरी तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज घटनास्थल का दौरा करेंगे। उनके दौरे के लिए मोरबी अस्पताल को सजाया जा रहा है।
अपने प्रियजनों को खोने वाले परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं- बाइडन
सोमवार देर रात मोरबी पुल हादसे पर ट्वीट करते हुए राष्ट्रपति जो बाइडन ने लिखा, 'भारत में पुल गिरने के कारण हुए हादसे में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिजनों के प्रति मैं और जिल अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और इतने जीवनों के समय से पहले खत्म होने के शोक में गुजरात के साथ हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम भारत के लोगों के साथ खड़ा होना और उनका समर्थन करना जारी रखेंगे।' जिल बाइडन की पत्नी हैं।
कमला हैरिस ने भी जताया घटना पर दुख
भारतीय मूल की अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी आज सुबह ट्वीट करते हुए घटना पर शोक व्यक्त किया। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'हम गुजरात में पुल गिरने के विनाशकारी हादसे के पीड़ितों का शोक मनाने में भारत के लोगों के साथ खड़े हैं। हमारा दिल उनके साथ है जिन्होंने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खोया और जो इससे प्रभावित हुए हैं।' अन्य देशों के नेताओं ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है।
मोरबी में क्या हुआ था?
मोरबी में रविवार शाम को मच्छू नदी पर बना पुल टूट कर नदी में गिर गया था। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हुई, वहीं लगभग 177 लोग घायल हुए। 100 से अधिक लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। छठ पूजा के मौके पर पुल पर अधिक भीड़ जमा हो गई थी, जिसके कारण इसकी केबल टूट गई और यह नदी में गिर गया। हादसे के समय पुल पर लगभग 500 लोग मौजूद थे।
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के खोला गया था पुल
मोरबी नगर निगम ने हादसे का दोष सरकारी ठेके के तहत पुल की मरम्मत करने वाली ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी पर मढ़ा है। नगर निगम का कहना है कि मरम्मत पूरी करने के बाद कंपनी ने फिटनेस सर्टिफिकेट और अनुमति के बिना ही पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया। आरोप है कि कंपनी को समझौते के तहत पुल को 8-12 महीने बंद रखना था, लेकिन उसने सात महीने बाद ही इसे जनता के लिए खोल दिया।
कंपनी के खिलाफ केस दर्ज, नौ गिरफ्तार
पुलिस ने मामले में ओरेवा कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 और 114 के तहत मामला दर्ज किया है और कंपनी के कर्मचारियों समेत अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो मैनेजर, दो टिकट क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और 2 रिपेयरिंग ठेकेदार शामिल हैं। गुजरात सरकार ने भी मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, जनहित याचिका दाखिल
मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है और जनहित याचिका दाखिल करते हुए हादसे की न्यायिक जांच की मांग की गई है। सभी पुराने ढांचों का सर्वे कराने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है। इस पर 14 नवंबर को सुनवाई होगी।