अमेरिका: कौन हैं पहली महिला उपराष्ट्रपति बन इतिहास रचने वालीं भारतीय मूल की कमला हैरिस?
पेंसिल्वेनिया में जीत के साथ ही डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बन गए हैं। उनके 273 इलेक्टोरल वोट हो गए हैं जो बहुमत के आंकड़े 270 से अधिक हैं। इस जीत के साथ न केवल बिडेन ने इतिहास रचा है, बल्कि उनकी जोड़ीदार और उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने भी कई इतिहास रचे। आइए इन रिकॉर्डों और कमला के जीवन पर एक नजर डालते हैं।
चेन्नई से अमेरिका पहुंची थीं कमला हैरिस की मां
भारतीय मूल की कमला हैरिस का जन्म 1964 में कैलिफोर्निया के ऑकलैंड में हुआ था। उनकी मां श्यामा गोपालन चेन्नई में पैदा हुई थीं, वहीं उनके पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के थे। 19 वर्ष की उम्र में अमेरिका पहुंचने वालीं श्यामा एक कैंसर शोधकर्ता थीं और तलाक के बाद कमला का पालन पोषण उन्होंने ही किया था। 2009 में उनका निधन हो गया था। कमला के पिता एक प्रोफेसर हैं और अभी स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं।
हावर्ड और कैलिफोर्निया यूनिर्सिटी से पढ़ी हैं कमला
कमला ने अपनी स्नातक की डिग्री प्रसिद्ध अश्वेत यूनिवर्सिटी हावर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की है। इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की और वकालत शुरू कर दी। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को की जिला अटॉर्नी के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की और तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते हुए कैलिफोर्निया राज्य की अटॉर्नी जनरल के पद तक पहुंच गईं। वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला और पहली अफ्रीकी-अमेरिकी थीं। कमला दो बार इस पद पर रहीं।
नागरिक अधिकारों की कट्टर समर्थक रही हैं कमला
वकालत की दुनिया में कमला हैरिस को नागरिक अधिकारों के कट्टर समर्थक के तौर पर जाना जाता है और वह समलैंगिक लोगों के अधिकारों के लिए लड़ती रही हैं। इसके अलावा वह मौत की सजा के सख्त खिलाफ भी हैं।
2017 में कैलिफोर्निया से सांसद बनीं कमला, राष्ट्रपति की रेस में भी कूदीं
अगर कमला के राजनीतिक सफर की बात करें तो 2017 में पहली बार वह कैलिफोर्निया से सीनेट का चुनाव लड़ीं और इसमें जीत दर्ज कर अमेरिका की दूसरी अश्वेत महिला सांसद बनीं। चुनाव के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा और उपराष्ट्रपति बिडेन ने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था। जनवरी, 2019 में वह राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए मैदान में कूद पड़ीं और दिसंबर में रेस से बाहर होने से पहले बिडेन की विरोधी रहीं।
अगस्त में बिडेन ने कमला को बनाया था अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
राष्ट्रपति की रेस में कड़े प्रतिद्वंदी रहने के बावजूद बिडेन कमला की प्रतिभा और लड़ने की क्षमता से प्रभावित हुए और अगस्त में उन्हें अपना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। बिडेन के इस फैसले के पीछे एक कारण भारतीय-अमेरिकी वोटर्स को लुभाना भी था। देश में करीब 20 लाख भारतीय-अमेरिकी वोटर्स हैं, जो करीबी मुकाबला होने पर निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता रखते हैं। उन्हें लुभाने के लिए कमला भी अपनी भारतीय जड़ों की बातें करती रही हैं।
पहली महिला उपराष्ट्रपति समेत कमला ने रचे कई इतिहास
अब बिडेन के चुनाव जीतने के बाद कमला ने उपराष्ट्रपति बनकर एक साथ कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। वह न केवल अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं, बल्कि पहली अश्वेत और पहली भारतीय-अमेरिकी उपराष्ट्रपति भी हैं। इसके अलावा वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली एशियन-अमेरिकी भी बनी हैं। कमला किसी प्रमुख पार्टी की उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला और कुल तीसरी महिला भी हैं। उनसे पहले दोनों महिलाओं के हाथ निराशा लगी थी।